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कुरुक्षेत्र पहुंचे CMसैनी, बोले- वेद बिना मति नहीं, गाय बिना गति नहीं

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रविवार को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा द्वारा आयोजित आर्य महासम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वेदों के ज्ञान और गाय के महत्व पर जोर दिया और कहा कि “वेद बिना मति नहीं, तो गाय बिना गति नहीं।” उनका मानना है कि वेदों का ज्ञान मानव जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है, जबकि गाय का महत्व हमें समृद्धि और विकास की ओर अग्रसर करता है।

मुख्यमंत्री ने स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना कर देश को एक नई दिशा दी। उनके विचारों और कार्यों से न केवल समाज में जागरूकता फैली, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वामी दयानंद के मार्गदर्शन में कई लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गुरुकुल पद्धति की शिक्षा का आज भी समाज और देश को प्रगति की दिशा में मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण स्थान है। वे मानते हैं कि इस शिक्षा पद्धति को फिर से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा में तैयार किया जा सके।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी उपस्थित थे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की अपील की और कहा कि यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी राज्यपाल के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि यह कदम हरियाणा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश में कृषि का क्षेत्र बहुत बड़ा है और प्राकृतिक खेती अपनाने से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि किसानों की स्थिति भी बेहतर हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी के नैतिक मूल्यों में गिरावट का भी उल्लेख किया और कहा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के कारण आजकल के युवा कई बार गलत रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने आर्य समाज से अपील की कि वह इस दिशा में अपने योगदान को और बढ़ाए, ताकि युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल सके।

समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाएं और इसके लाभों को समझें। इसके साथ ही, उन्होंने आर्य समाज से आग्रह किया कि वे समाज में नैतिकता और संस्कारों के प्रचार-प्रसार में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं।

इस कार्यक्रम का आयोजन गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हुआ, जहां हजारों लोग मौजूद थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आर्य समाज के विचारों को महत्व देते हुए कहा कि इसके विचारों से हर किसी को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है।

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