सेक्टर 21सी स्थित अधिकृत मार्बल मार्केट को बद हाल हुए वर्षो बीत चुके हैं। मार्केट के व्यापारियों ने यहां एचएसवीपी को लाखों रुपये देकर यहां पर प्लॉट खरीदे थे। लेकिन इसके बावजूद इस मार्केट में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी मौजूद नहीं है। इसके अलावा मार्केट के व्यापारी सरकार को नियमित रूप से करोड़ों रुपये का राजस्व भी दे रहे हैं। बरसात आते ही पूरी मार्केट में पानी भर जाता है। इलाके की सभी सडके मरम्मत के अभाव में जर्ज रहो चुकी है। सेक्टर 21सी और मार्बल मार्केट की डिवाइडिंग रोड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। मार्केट परिसर और आसपास लगी ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। शाम ढलते ही मार्केट पूरी तरह अंधेरे में डूब जाती है। ग्रीन बेल्टों पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। एचएसवीपी मार्केट नगर निगम को हैंड ओवर कर चुका है। जब व्यापारी सुविधाओं की मांग को लेकर एचएसवीपी या नगर निगम से सम्पर्क करते हैं तो दोनों विभाग एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
18 साल से विकास का इंतजार
सेक्टर 21 सी से सटी हुई मार्बल मार्केट को एचएसवीपी ने वर्ष 2000 में विकसित किया था।वर्ष 2005 में व्यापारियों को कब्जा दे दिया गया था। मार्केट को विकसित करने के दौरान ही यहां सडकों का निर्माण करवाया था। लेकिन 18 साल में सडकों की मरम्मत तक नहीं करवाई। मार्केट की जर्ज रहो कर टूट चुकी है। मार्केट की कई सडकों का निर्माण ही नहीं हुआ। यहां बरसाती पानी की निकासी के लिए स्टॉर्म वॉटर लाइन भी नहीं डाली गई।जबकि एचएसवीपी मार्केट निगम को हैंडओवर कर चुका है। पानी की निकासी की व्यवस्था न होने से थोड़ी सी बरसात आते ही पूरी मार्केट में बरसाती पानी भर जाता है। जिससे मार्केट में आने वाले लोगों के साथ ही व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है। व्यापारियों द्वारा शिकायत करने पर दोनों विभाग टालने का प्रयास करते रहते हैं।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
सेक्टर 21 सी में स्थित अधिकृत मार्बल मार्केट में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। नियमित मरम्मत के अभाव में 60 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुई हैं।जिसके कारण शाम ढलते ही पूरी मार्केट में अंधेरा छा जाता है। ऐसे में व्यापारी जल्दी ही दुकानें बंद कर लौट जाते हैं। मार्केट की तरफ आने वाले रास्तों पर कहीं भी दिशा सूचक बोर्ड नहीं लगवाए गए हैं। जिससे मार्केट में आने वाले लोगों को इधर उधर भटकना पड़ता है। निगम ने इस मार्केट में एक भी सफाई कर्मचारी की तैनाती नहीं की। जिसके कारण मार्केट में सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई मार्केट की ओर आने वाले कच्चे रास्तों और ग्रीन बेल्टों पर जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। मार्केट की पार्किंग और ग्रीन बेल्टों पर लोगों ने अपना सामान रखकर अवैध रूप से कब्जे किये हुए हैं।
यहां मौजूद है करोड़ों की सम्पति
मार्केट में एचएसवीपी की करोड़ों की सम्पतियां बची है और अनेक विकास कार्य भी बाकी है। लेकिन इसके बावजूद एचएसवीपी ने सेक्टर नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया। हैंडओवर करने के बाद भी विकास की जिम्मेदारी एचएसवीपी की है। रख रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है। लेकिन यहां न तो एचएसवीपी विकास करवा रहा है और न ही नगर निगम मम्मत करवा रहा है। व्यापारियों द्वारा शिकायत करने पर दोनों एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर पल्ला झाड़ लेते है । एचएसवीपी ने मार्बल के सभी व्यापारियों को अधिकृत जगह लाने के लिए मार्केट विकसित की थी। शहर के अन्य इलाकों में मार्बलका बिजनेस कर रहे व्यापारियों को एचएसवीपी बची दुकानें बेचना भी चाहे तो व्यापारी इस मार्केट की बदहाली को देखते हुए यहां आने को बिल्कुल तैयार नहीं होंगे। जिससे एचएसवीपी को भी राजस्व का नुकसान होगा।
शिकायत पर ध्यान नहीं देते
मार्बल मार्केट के व्यापारी विष्णु गोयल का कहना है कि निकासी की व्यवस्था न होने से बरसाती पानी मार्केट में भरा रहता है। जिसके कारण मार्केट के व्यापारियों और आने वाले ग्राहकों को परेशानी हो रही है। मार्केट के आसपास की ज्यादातर सड़कें टूट कर बुरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। शिकायत के बाद भी नगर निगम अथवा एचएसवीपी ध्यान नहीं दे रहे हैं।