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पलवल/फरीदाबाद। जिला पलवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादों को संजोह हुए हैं। जहां एक तरफ दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर पलवल से जुड़ी हुई 104 वर्ष पुरानी यादें तरोताजा की हुई थी। पलवल के रेलवे स्टेशन से ब्रिटिश सरकार ने 10 अप्रैल 1919 को वाया अमृतसर लाहौर जाते वक्त महात्मा गांधी को गिरफ्तार किया था। इतिहासकारों के मुताबिक दमनकारी रोलेट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह करने पर गांधी जी की यह गिरफ्तारी की गई। ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी से पहले उन्हें अरेस्ट वारंट भी दिया, लेकिन गांधी जी ने वारंट लेने से इंकार कर दिया। राजनीतिक रूप से यह गांधी की पहली गिरफ्तारी बताई जाती थी।
आज भी इस स्टेशन पर गांधी जी की प्रतिमा लगी है। लेकिन जहां पलवल अब जिला बन गया, वहीं दूसरी तरफ देखा जाए, तो यहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए आज भी किसी तरह के कोई इंतजाम नहीं है, हालांकि सरकार की तरफ से ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान इस स्टेशन में सुविधाएं देने का काम किया और गांधी जयंती से कुछ दिन पहले ही यहां लिफ्ट का शुभारंभ केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के द्वारा लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई गई, लेकिन यह लिफ्ट दस दिनों में ही खराब हो गई। जिस कारण बुजुर्ग और महिलाएं अपने सामान को लिफ्ट के बजाय सिर पर उठाकर ले जाते नजर आई। स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे तक की सुविधाएं नहीं है, लोगों का कहना था कि लिफ्ट के बजाय सीसीटीवी कैमरे लग जाते तो आसानी होती।
जानकारी के मुताबिक पलवल से रोजाना हजारो नौकरीपेशा, कामकाजी, सब्जी, फल और दूध विक्रेता फरीदाबाद समेत दिल्ली, गुरूग्राम तक की यात्रा रेल से करते है, लेकिन इन हजारो ग्रामीणों की सुरक्षा के किसी तरह के प्रबंध पलवल स्थित रेलवे स्टेशन पर नहीं है। ऐसा ही यहां देखने को मिला। जहां सीसीटीवी नहीं है, वहीं रेलवे परिसर को कवर करने वाली दीवारे कई जगह से टूटी पड़ी है। स्टेशन के निकट सब्जी मंडी होने से आवारा पशुओं का जमावड़ा यहां देखा जा सकता है। वहीं जीआरपी की गस्त न होने के कारण यहां लोग रेलवे लाइन पैदल पार करते हुए नजर आते है। लिफ्ट बंद होने के कारण परेशान है। यहां बारिश धूप में यात्रियों के लिए बनी चेयरों पर किसी तरह के शैड की व्यवस्था नहीं है।
खराब हो गई लिफ्ट: पलवल रेलवे स्टेशन पर करीब दस दिन पहले एक लिफ्ट को शुरू किया गया था, इस मौके पर जीआरपी और जिला प्रशासन की तरफ से भव्य कार्यक्रम आयोजित करके इसकी शुरूआत यात्रियों के लिए मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से कराई गई थी। लेकिन यहां लगी यह लिफ्ट दस दिन भी नहीं चली, ऐसे में यहां यात्रियों को सिर पर वजन उठाकर ले जाते हुए देखा गया।
सीसीटीवी न होने से परेशान लोग: बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर जहां एक तरफ सीसीटीवी से लेकर सभी प्रकार की सुविधाएं यात्रियों के लिए की गई है। वहीं दूसरी तरफ पलवल पहुंचते ही यह सुविधाएं समाप्त हो जाती है। ऐसे में पलवल रेलवे स्टेशन पर क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है। कई शव मिलने के बाद भी यहां सीसीटीवी नहीं लगाए गए है। रविवार को भी बल्लभगढ़ से लापता हुई एक महिला पलवल जा रही लोकल ट्रेन में बैठते हुए नजर आई, वह ट्रेन पलवल तक जाकर लौट आती है, ऐसे में परिजनों ने पलवल जाकर पुछताछ की, तो पता चला कि वहां स्टेशन के भीतर और बाहर सीसीटीवी ही नहीं है। जिससे वह लापता महिला के बारे में पता नहीं लगा पाए।