रेवाड़ी। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीतसिंह अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर है। वह किसी भी दल में हो, अपनी बात को बेबाकी से कहना कभी नहीं चूकते, जो उन्हें सही लगता है, वहीं कहते हैं और करते भी वही है। पिछले दिनों यहां मुख्यमंत्री मनोहरलाल तीन दिन के प्रवास पर आए, लेकिन राव उनके कार्यक्रमों से दूर ही रहे। यहां तक की उनके समर्थकों ने भी सीएम के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी। अब गत दिवस पटौदी में उन्होंने नूंह की घटना के लिए हरियाणा सरकार को कटघरे में यह कहते हुए खड़ा कर दिया कि तावडू में रैपिड एक्शन फोर्स का कैंप हरियाणा सरकार की कमियों के कारण नहीं बना, जबकि 2022 में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था।
इससे पहले उन्होंने ब्रज मंडल धार्मिक यात्रा में हथियारों को लेकर चलने का बयान दिया था। इधर राव के इन बयानों से यहां राजनीति गर्माई हुई है। पिछले दिनों हरियाणा ट्यूरिज्म के चेयरमैन अरविंद यादव ने हथियार वाले बयान पर टिप्पणी भी की थी। आज एक पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक रणधीरसिंह कापड़ीवास ने भी राव के उस बयान की कड़े शब्दों के अंदर निंदा करते हुए बताया कि भाजपा को भी इस मामले के अंदर संज्ञान लेना ज़रूरी है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीतसिंह ने हमेशा अपनी शर्तों पर राजनीति की है, इसके प्रमाण भी सामने आए हैं। भाजपा में आने के बाद हुए विधानसभा के दो बार के चुनाव में उन्होंने जहां अपने चहेतों को टिकट दिलाई, वहीं उनका विरोध करने वालों को किनारे भी लगाया। पूर्व विधायक रणधीरसिंह कापड़ीवास व हरियाणा ट्यूरिज्म के चेयरमैन अरविंद यादव तथा कोसली के पूर्व विधायक विक्रमसिंह यादव उन्हीं के सताए हुए है। उस समय चर्चा रही थी कि राव ने ही रेवाड़ी से अरविंद यादव व कापड़ीवास को अलग कराकर जहां सुनील मूसेपुर को टिकट दिलाई थी, वहीं कोसली से बिक्रम ठेकेदार की छुट्टी कराकर वर्तमान विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की टिकट की सिफारिश की थी और वह कामयाब हुए थे।
यह सही है कि राव का जिस प्रकार का दक्षिणी में जनाधार है, उसके हिसाब से उन्हें दोनों ही योजनाओं में केंद्रीय मंत्री का दर्जा नहीं मिला, जो उनका हक था, जिससे उनके समर्थकों को भी निराशा मिली थी, लेकिन वे इस बात को लेकर खुश थे कि इसके बावजूद भी राव का अपना दबदबा है। उनके समर्थकों में इस बात की आज बेहद खुशी है कि राव ने एम्स का शिलान्यास कराने के लिए 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने का न्यौता दिया है। समर्थकों में चर्चा है कि यदि मोदी यहां आते है तो इसका सीधा अर्थ यही होगा कि बेशक उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिला, लेकिन केंद्र सरकार में उनका रूतबा किसी बड़े मंत्री से कम नहीं है। इधर राव के एंटी भाजपाईयों में इस बात की बेहद खुशी है कि राव ने ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा में हथियार लेकर चलने का बयान देकर गलती की है। दूसरी गलती सांसद होते हुए भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से दूरी बनाकर की है और अब तावड़ू में आएएफ अर्थात रैपिड एक्शन फोर्स का कैंप बनाने में देरी के लिए सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया, जो एक और बड़ी गलती है, जिस पर भाजपा कोई एक्शन भी ले सकती है।
क्या बोल गए कापड़ीवास:
भाजपा के पूर्व विधायक रणधीरसिंह कापड़ीवास व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीतसिंह का छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि वर्ष 2009 के चुनाव में कापड़ीवास की जीत में राव इंद्रजीतसिंह का बहुत बड़ा रोल था। कापड़ीवास स्वंय उनके आवास पर जाकर उनसे आशीर्वाद लेकर आए थे, लेकिन चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद ही उनके बीच खाई बन गई थी। आज पत्रकारवार्ता में कापड़ीवास ने राव के यात्रा में हथियार लेकर चलने के बयान की जहां कड़े शब्दों में निंदा की, वहीं कहा कि राव की भाजपा विचाराधारा नहीं है। उनके आने के बाद से यहां भाजपा भी दो धड़ों में बंट गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब राव कांग्रेस में जाने की तैयारी में है, इसीलिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे है ।