आपराधिक घटनाओं पर पुलिस का लापरवाह व लचर नजरिया वैसे तो आम बात है, लेकिन कई बार यह पीड़ितों की जान पर भी बन आता है। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद जिले बल्लबगढ़ अंतर्गत छायंसा थाना क्षेत्र के एक गांव का सामने आया, जिसमें नाबालिग के साथ गांव के ही पड़ोसी लड़के और उसके साथियों द्वारा दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की लेकिन उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने के बजाए पुलिस प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतज़ार में बैठा रहा। पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पीड़िता का परिवार बेहद परेशान था। आरोपियों द्वारा उनपर हंसने और न्याय न मिलने से आहत किशोरी के पिता ने अपनी ही जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय लिया और फांसी के फंदे से लटक गया। घर में फांसी के फंदे से लटके हुए पीड़िता के पिता को देख उसकी पत्नी शोर मचाने लगी और समय रहते उसे फांसी से उतार लिया गया। फिलहाल, किशोरी के पिता का फरीदाबाद के 3 नंबर ईएसआई अस्पताल में इलाज चल रहा है। जहां पर उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है। इधर, पीड़िता के पिता की आत्महत्या के प्रयास की जानकारी मिलते ही सोया हुआ पुलिस प्रशासन जागा और दो आरोपियों की गिरफ़्तारी की गई। अब सवाल ये है कि क्या पुलिस इसी घटना का इंतज़ार कर रही थी?
पीड़िता के पिता ने क्यों लगाई फांसी
पीड़ित परिजनो के अनुसार, इस घटना के बाद पीड़िता के पिता को गली में आता जाता देख आरोपी के परिवार वाले हंसते थे और उन्हें देख कर उल्टी-सीधी बातें करते थे। पीड़िता के ताऊ ने बताया, कि रोजाना इसी तरह के माहौल के चलते मानसिक रूप से परेशान होकर उनके भाई ने नौ तारीख की रात को घर में फांसी का फंदा लगा लिया। पीड़िता का पिता इस समय अस्पताल में भर्ती है और ज़िन्दगी और मौत के बीच के हालातों का सामना कर रहा है।
इस मामले में पीड़ित के भाई यानी किशोरी के ताऊ ने फरीदाबाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। उनका साफ़ कहना है कि पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही बरती है। जिसकी वजह से यह सब हुआ है अगर समय रहते आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाता तो उनका भाई आत्महत्या करने जैसा कदम नहीं उठाता। घटना के बाद से बेख़ौफ़ आरोपी परिवार के द्वारा हंसने और मजाक बनाने से उनके मान सम्मान को ठेस पहुंची। जिसकी वजह से आज पूरा परिवार परेशान है। पीड़ित के भाई का कहना है कि इसमें सरेआम पुलिस की लापरवाही साफ नजर आ रही है। उनकी मांग है कि रेप की वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस जल्द से जल्द कार्रवाई करें और उन्हें सलाखों के पीछे डाले।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित किशोरी के ताऊ ने बताया कि उनके भाई की बेटी जो 10वीं कक्षा में पढ़ती है। बीते 1 जुलाई को उसके पड़ोस में रहने वाले मनोज नाम के युवक ने उसे पेप्सी लाने के बहाने से घर पर बुलाया था जैसे ही वह उसे पेप्सी देने उसके घर के अंदर गई, मनोज उसे जबरदस्ती बैठक में ले गया। जहां पर पहले से नरेश पुत्र महेंद्र और महेंद्र के मामा का लड़का बैठे हुए थे। जैसे ही किशोरी अंदर आई उन्होंने बैठक का दरवाजा बंद कर लिया जहां पर आरोपियों ने उसके साथ रेप किया। काफी देर तक जब उनके भाई की बेटी नजर नहीं आई तब उनके बेटे उसे ढूंढ़ने लगे। सब जगह देखने के बाद उनको सामने रह रहे पड़ोसी मनोज के घर पर शक गया। उन्होंने मनोज के घर का दरवाजा खटखटाया और देखा की बैठक में तीनों लड़के उनके भाई की बेटी के साथ गलत हरकत कर रहे थे। उनके आते ही तीनों मौके से भाग गए।
पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती
घटना के बाद जब नाबालिक लड़की के परिवार ने मनोज के माता-पिता से इस बारे में शिकायत की, तो उन्होंने और उनके बड़े बेटे ने उनसे झगड़ना शुरू कर दिया। साथ ही धमकी दी कि जो करना है, वह कर लो। पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत थाना छन्यासा में की जहां से उनका केस बल्लभगढ़ महिला थाना भेज दिया गया। लेकिन पीड़ित परिवार को समय पर कहीं से भी न्याय नहीं मिला।
अपराधियों पर पकड़ कब होगी मजबूत
बीते 2 जुलाई को पीड़िता की माँ की शिकायत पर दुष्कर्म के मामले में बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद उनकी भाई की बेटी का मेडिकल परीक्षण भी पुलिस ने कराया था। लेकिन इस सबके बावजूद 2 तारीख के बाद से 8 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया और अब पीड़िता के पिता के द्वारा आत्महत्या के प्रयास के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए है।
सवालों के कटघरे में फरीदाबाद की कानून व्यवस्था
फरीदाबाद क्राइम सिटी बनता जा रहा है आए दिन शहर में आपराधिक मामलों में पहले से अधिक बढ़ोतरी हो रही है। जिसका सीधा- सा मतलब आरोपियों का बेख़ौफ़ होना है अभी हाल ही में मॉल ऑफ़ फरीदाबाद में चाकूबाजी की घटना के मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया गया। जहां क्राइम ब्रांच की कस्टडी में युवक की मौत के बाद शहर का माहौल गरमा गया। पुलिस कस्टडी में हुई मौत को लेकर मृतक के परिजन CIA को जिम्मेदार ठहराया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की। गुस्साए परिजनों ने युवक का शव लेने से इंकार कर दिया और CP दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा भी अन्य मामलों में अपराधियों पर कमजोर पकड़ को लेकर फरीदाबाद पुलिस सवालों का सामना कर रही है कि आखिर समय रहते आरोपियों पर सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जाते? मामलों को गम्भीरता से क्यों नहीं लेती पुलिस , बड़े हादसे का इंतज़ार क्यों करता है प्रशासन?