अरावली पर्वत में हो रहे अतिक्रमण के कारण जीव जंतुओं का घर छिन रहा है। ऐसे में वह सेक्टरों और कालोनियों का रूख कर रहे हैं। जिससे शहर के लोगों को रोज परेशानी हो रही है। इन दिनों सेक्टर-तीन स्थित गुलमोहर पार्क के पास भी बंदरों का आतंक छाया हुआ है। बंदरों से वहां के निवासी परेशान हो चुके है। निगम को भी कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। क्योंकि कोर्ट के आदेश पर नगर निगम आवारा जानवरों को पकड़ कर इलाज तो करवा सकता है। लेकिन उन्हें वहां से हटाकर अन्य स्थान पर नहीं ले सकते हैं। ऐसे आदेशों से सेक्टरवासी खासे परेशान हो चुके हैं। सेक्टर तीन निवासियों ने अपनी परेशानी देश रोजाना के संग साझा की और उसे निगम के अधिकारियों तक पहुंचाने की गुहार लगाई है।
बिजली की समस्या:
पूर्णिमा ने बताया कि बंदरों ने आतंक मचा रखा है। सेक्टर जैसा एरिया होने के बाद भी उन्हें बंदरों से परेशानी हो रही है। बंदर आए दिन तारों को तोड़ देते हैं।ऐसे में जहां एक तरफ बिजली का लंबा कट हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ कई बार तार लोगों के ऊपर गिरने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि बंदर घरों में घुस जाते हैं और लोगों को घायल कर देते हैं। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
करते हैं हमला:
शुभम ने बताया कि बंदर इतने अधिक हो गए हैं कि बच्चों और बुजुर्गो पर हमला कर देते हैं। इनसे बचना भी मुश्किल हो जाता है। कभी भी घरों में घुस जाते हैं। बंदरों द्वारा तोड़फोड़ करने से नुकसान भी हो जाता है। कई बार शिकायत के बाद भी बंदरों को सेक्टर से नहीं भगाया जा रहा है। अब तक बंदर सैकड़ों लोगों को घायल कर चुके हैं।
ले जाते हैं सामान:
सुनीता ने कहा कि बंदर घरों में घुस जाते हैं। ऐसे में वह कई बार सामान तक उठाकर ले जाते हैं। कई बार तो खाने पीने के सामान के अलावा, घरों की छतों पर लगी टंकियों के ऊपरसे ढक्कन तक ले जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई बार टंकियों की पार्इंपों को तोड़ जाते हैं। जिससे हजारो रुपये का खर्च बढ़ जाता है।
पौधो को नुकसान:
उमा ने बताया कि इलाके को हरा भरा करने के लिए लोगों ने जो पौधे घरों के आसपास लगाए हैं, बंदर आते है और उन्हें उखाड़ जाते हैं। जिससे इलाके को हरा भरा नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बंदर कई बार तो गमलों को तोड़ जाते हैं। ऐसे में कई बार छतों पर रखे गमले नीचे गिरते है तो हादसें का डर बना रहता है।
–कविता