जिला परिषद के प्रेसीडेंट/जिप चेयरमैन विजय सिंह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री रिलीफ फंड की समीक्षा बैठक हुई। जिप चेयरमैन ने कहा कि एम्स और पीजीआई की सिफारिश वाले केसों को ही स्वीकृति मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए स्वीकृति दी जाए। वहीं विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान आए हुए आवेदनों को भी प्राथमिकता के आधार पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार स्वीकृति प्रदान की जाए। जिला परिषद के प्रेसीडेंट विजय सिंह शुक्रवार को सीटीएम कार्यालय में मुख्यमंत्री राहत कोष के स्वीकृत केसों की समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा बैठक में सीटीम और सीएमओ ने स्वीकृत केसों की एक एक करके विस्तार पूर्वक जानकारी दी। बैठक में सीटीएम हरीराम ने मुख्यमंत्री रिलिफ फंड से संबंधित केसों बारे एक-एक करके और रिलीफ फंड के उपयोग बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। वहीं जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता ने किडनी, हार्ट सहित 25 प्रकार की विभिन्न बीमारियों से आई रिपोर्ट के अनुसार केवल उन्हीं केसों को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में शामिल किया गया है। जो केस एम्स या पीजीआई से फॉरवर्ड किए गए हैं। मुख्यमंत्री रिलीफ फंड की बैठक में सीएमओ द्वारा नौ केस पुराने और कुछ नए केस बैठक रखे गए।
बता दें कि 15 मार्च 2022 द्वारा प्राप्त सरकार के दिशा निदेर्शों के अनुसार, “मुख्यमंत्री राहत कोष” से चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय सहायता देने के मामलों की जांच और अनुमोदन के लिए “जिला स्तरीय समिति” का गठन किया गया है। ‘हरियाणा मुख्यमंत्री राहत कोष नियम, 1975 के तहत समय-समय पर संशोधन किया गया।
बैठक के दौरान समिति द्वारा 9 मामलों की जांच की जानी है, जिनमें से 1 मामला समय-समय पर संशोधित हरियाणा मुख्यमंत्री राहत कोष नियम 1975 के अंतर्गत आता है। बैठक में सीटीएम हरीराम, सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता, तहसीलदार भुमिका लाम्बा, तहसीलदार सुरेश कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी गुरूकरण सिंह, डीआईओ एलएम मित्तल, एपीआरओ संजय कुमार, प्रवीण भारद्वाज व अन्य चिकित्सा अधिकारी तथा बैठक से जुड़े विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।