हांसीl राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने सामाजिक समरसता गतिविधि के माध्यम से स्थानीय सुभाष ड्रामेटिक क्लब में एक विचार गोष्ठी का आयोजन कर संत रविदास जन्मोत्सव को समरस गंगा उत्सव के रूप में मनाया l आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के नाते राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हांसी के सह जिला माननीय संघचालक कृष्ण कुमार , मुख्य वक्ता आर एस एस के विभाग कार्यवाह कृष्ण जी लांधड़ी , मुख्य अतिथि के रूप में अभय राम अल्हाण सदस्य सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी भारत सरकार (पी एम ए जे ए वाई) और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सुरेश कुमार पंघाल मौजूद रहे l आयोजनकर्ताओं के साथ समाज के सभी वर्गों के लोगों ने संत रविदास को नमन करते हुए सामाजिक समरसता के लिए दिए गए उनके उपदेशों पर चर्चा की l
अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि मुगलों के इस्लामिक कालखंड के घोर निराशा के समय में हिन्दू समाज में समरसता की अलख जगाने का काम संत रविदास जी ने किया l उन्होंने समाज को बताया की वास्तव में सभी हिन्दू एक ही पेड़ की शाखा के पुष्प है उनमे अलग अलग दिखने और होने वाला कुछ भी नही l सभी एक ही ईश्वर के द्वारा स्थापित और एक ही जैसे शारीर को धारण करने वाले है l कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृष्ण लांधडी ने संबोधित करते हुए कहा कि देश और समाज को आडम्बरों से दूर रहते हुए कैसे ईश्वर को प्राप्त किया जाए संत रविदास इसका सबसे बड़ा उदाहरण पेश करते है l उन्होंने कहा कि संत रविदास हमें सीखाते है कि समाज में ऊच-नीच के आधार पर भेदभाव का कोई स्थान नहीं हो l सभी को समान रूप से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए भगवान की भक्ति करनी चाहिए l
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जातियों और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव की घटनाएँ
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अभय राम अल्हाण ने कहा कि पुराने समय में हमारे समाज में व्याप्त कुरीतियों के कारण हम बहुत पिछड़े है, आज भी समाज को अशिक्षा, बेरोजगारी खोखला कर रही है l आज भी जातियों और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव की घटनाएँ हो जाती है l परन्तु अब समय आ गया है कि इन सभी बंधनों को तोड़कर समाज को एक करते हुए एक महान देश के पुनरुत्थान में अपनी सहभागिता निभाई जाए l विशेष आमन्त्रित राम लाल , संत सागर नाथ , सन्त विजेन्द्र दास की गरिमामई उपस्थिति रहीl
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