सूरजकुंड। 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के आज आठवें दिन मुख्य चौपाल तथा छोटी चौपाल पर विदेशी कलाकारों के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों ने अपनी समृद्ध संस्कृतियों से सराबोर शानदान प्रस्तुतियों से मेले में पहुंचे दर्शकों का दिनभर मनोरंजन किया। मुख्य चौपाल पर विशेषकर विदेशी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से धमाल मचाया। दर्शकों ने भाषा के बंधनों को तोड़कर इन कलाकारों की प्रस्तुतियों का खूब लुत्फ उठाया तथा कलाकारों का तालियों से हौंसला बढ़ाया।
हरियाणा के हास्य कलाकार मास्टर महेंद्र ने अपने हास्य रचनाओं से हरियाणा की हाजिर जवाबी तथा मौज मस्ती की प्रस्तुतियों से दर्शकों को खूब हंसाया। मुख्य व छोटी चौपाल पर कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों में गुजरात के कलाकारों का ताली रास नृत्य भी शामिल रहा, जो नवरात्रि के अवसर पर महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
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इथोपिया के कलाकारों ने भी अपने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर धमाल मचाया। बोतस्वाना गणराज्य के कलाकारों ने अपने लोक नृत्यों फटीसी आदि के माध्यम से अपनी समृद्ध संस्कृति की झलक बिखेरी। कजाकिस्तान के कलाकारों ने वाद्ययंत्रों की सुरीली धुनों के साथ-साथ लोकगीतों की भी शानदार प्रस्तुतियां दीं।
असम के कलाकारों ने प्रसिद्ध बीहू नृत्य की शानदार प्रस्तुति पर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। यह नृत्य विभिन्न ऋतुओं के अनुसार किया जाता है। असम में राज्य स्तर पर बीहू क्वीन का चयन भी किया जाता है। यह नृत्य सम्पूर्ण आसाम में बहुत लोकप्रिय है।
छोटी चौपाल पर महाराष्ट्र के सैय्यद एंड पार्टी ने लावणी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने होली के रंगों पर आधारित अपनी प्रस्तुति में महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति प्रदर्शित की। विश्वजीत शर्मा की टीम ने शानदार भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया। इनके अलावा अन्य विदेशी कलाकारों तथा विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक टीमों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गईं।
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