हरियाणा प्रदेश के कद्दावर और वरिष्ठ नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह जिन्हें ट्रेजेडी किंग के नाम से जाना जाता है कांग्रेस में वे संगठन और सरकार दोनों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
गांधी और शास्त्री जयंती दो अक्टूबर 2023 के दिन हरियाणा के जींद में पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने मेरी आवाज सुनो रैली की, इस रैली से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वह इस रैली से कोई बड़ा फैसला कर अपना ऐलान कर सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह जींद कै एकलव्य स्टेडियम में मेरी आवाज सुनो रैली कर रहे हैं,उम्मीद तो यही जताई जा रही है कि वे यहां से अपनी नई सियासी पारी की शुरुआत करेंगे और उनके इस फैसले पर सभी की नजरे टिकी हुई है।
उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस और बीजेपी की भूरि भूरि प्रशंसा की और कहां की इन दोनों पार्टियों ने मुझे मान सम्मान दिया है लेकिन इसी के साथ ही,उन्होंने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधते हुए साफ शब्दों में कह दिया कि बीजेपी को गलतफहमी है कि जेजेपी उनको वोट दिला देगी लेकिन जेजेपी को खुद ही वोट नहीं मिलते हैं तो वह बीजेपी को क्या वोट दिलवाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहां की प्रदेश में जेजेपी ने भ्रष्टाचार फैलाया है,उन्होंने जेजेपी को भ्रष्टाचार और धोखेबाज वाली पार्टी बताया,इसके साथ ही उन्होंने इस मंच से बड़ा ऐलान यह किया कि अगर प्रदेश में भाजपा-जेजेपी गठबंधन रहा तो वह बीजेपी का साथ छोड़ देंगे।
उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जेजेपी के साथ गठबंधन रहा तो वह बीजेपी में नहीं रहेंगे इसके साथ,उन्होंने प्रधानमंत्री सम्मान निधि पर सवाल उठाए और कहां की जो ₹6000 की खैरात किसानों को दी जा रही है वह नहीं चाहिए बल्कि एमएसपी गारंटी कानून चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा किसान और कमरान वर्ग की आवाज उठाते आए हैं चाहे वह किसी भी पार्टी में हो इसलिए उन्होंने दिल्ली किसान आंदोलन में भी किसानों का समर्थन किया था और जब पहलवान बेटियों के साथ अन्याय हुआ और वह धरने पर बैठी तब भी उन्होंने उन बेटियों का साथ दिया, वह कभी लोगों की आवाज नहीं दबाते हैं। चाहे पार्टी के खिलाफ ही आवाज उठानी पड़े वह निडर होकर आवाज उठाते हैं और उठाते रहेंगे।
चौधरी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि वे लोगों की भलाई चाहते हैं उन्हें राजनीतिक नफा नुकसान की कोई परवाह नहीं है।
आपको बता दे साल 2010 में वे राज्यसभा सदस्य चुने गए थे, साल 2013 में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री भी बने, फिर 28 अगस्त 2014 को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। वह 29 अगस्त 2014 में बीजेपी में शामिल हो गए और साल 2016 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया और वह केंद्रीय इस्पात मंत्री भी बने। साल 2019 में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा से चुने गए इसके बाद वीरेंद्र सिंह ने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया।
तो वहीं वीरेंद्र सिंह 42 साल कांग्रेस में रहे जब उन्हें कांग्रेस में ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई तो उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कहां और 29 अगस्त 2014 को बीजेपी में शामिल हुए।