नगर निगम की लापरवाही के कारण सरकार के अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद शहर के लोग सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। शहर में पानी की समस्या से निपटने के लिए निगम अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके जगह जगह ट्यूबवैल लगाए गए थे। लेकिन इनमें से ज्यादातर ट्यूबवैल बंद पड़े हुए हैं। ऐसा ही एक ट्यूबवैल सेक्टर 21 बी में निगम द्वारा लगाया गया था। यह ट्यूबवैल लगने के बाद कभी चालू ही नहीं हो पाया। सेक्टर में पानी की समस्या उत्पन्न होते ही यहां के निवासी इस ट्यूबवैल को देखकर निगम अधिकारियों को जमकर कौसते रहते हैं।
शहर आबादी की जरूरत के मुताबिक रैनीवेल की लाइनों से पर्याप्त पानी लोगों को नहीं मिल पाता। ऐसे में लोगों के घरों में दो से तीन दिन बाद पानी पहुंचता है। पानी की किल्लत को दूर करने के लिए नगर निगम द्वारा पिछले पांच छह सालों के दौरान शहर में सैंकड़ों की संख्या में ट्यूबवैल लगाए गए थे। लेकिन यह ट्यूबवैल शो पीस से ज्यादा नहीं है। इनमें से कुछ ट्यूबवैल लगने के बाद चले ही नहीं।
कुछ ट्यूबवैल चंद दिन चलने के बाद बंद हो गए। वहीं कुछ ट्यूबवैलों में खारा पानी आता है। जिसका लोग कोई इस्तेमाल नहीं कर पाते है। पिछले दिनों यमुना नदी में आई बाढ़ के दौरान निगम के यह सभी ट्यूबवैल पूरी तरह फेल साबित होकर रह गए। ऐसे में लोगों को मनमानी कीमत देकर टैंकर चालकों से पानी खरीदना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम अधिकारियों की लापरवाही से ट्यूबवैलों पर खर्च किये गए सरकार के करोड़ों रुपये व्यर्थ हो गए।