यमुनानगर। जंगल की तलहटी में बसे दर्जनों गांव में बंदरों का आतंक छाया हुआ है। बंदर आमजन को परेशान करने के साथ-साथ ग्रामीणों का काफी नुकसान भी कर रहे हैं। इन बंदरों के आतंक से खासकर महिलाएं और बच्चे अधिक भयभीत है। ग्रामीणों ने वन्य प्राणी विभाग से इनके आतंक से छुटकारा दिलाने की मांग की है। ग्रामीण धर्मवीर, सुरेश, दीपक, ऋषिपाल आदि ने बताया कि बंदर दिन ही नहीं रात को भी काफी परेशान करते हैं। बंदरों का आतंक इतना है कि बाहर खुले में कपड़े अनाज या अन्य कोई खाने पीने की चीज नहीं डाल सकते। जैसे ही बंदरों को बाहर कोई खाने पीने की चीज दिखाई देती है तो बंदर बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों पर हमला करके खाने पीने की वस्तु छीन लेते हैं। इससे कई बार बच्चे और महिलाएं घायल हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आतंकी बंदर पानी की टंकी पर चढ़कर ढक्कन खोल देते हैं और पीने लायक पानी को खराब कर देते हैं। वही आतंकी बंदरों ने ग्रामीणों द्वारा लगाए गए पालक,गेहूं, लहसुन आदि की फसल भी खराब कर दी है। इससे ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फिर गया है। ग्रामीणों ने वन्य प्राणी विभाग से इन आतंकी बंदरों से छुटकारा पाने की मांग की है।
इस बारे में वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक लीलू राम ने बताया कि बंदरों को पकड़ने का का पंचायत,नगर निगम या नगर पालिका अपने खर्चे पर कर सकते है लेकिन पकड़े गए बंदरों को नेशनल पार्क में नहीं छोड़ सकते क्योंकि 2021 की अधिसूचना के बाद बंदरों को वन्य प्राणी की अधिसूची से बाहर कर दिया गया है।