देश रोज़ाना: नशा एक प्रकार की बुरी आदत है। यदि एक बार कोई व्यक्ति नशा करना शुरू कर देता है तो उसका नशे से पीछा छुड़ाना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन नशा छुड़वाने के लिए शहरों नें कई नशा मुक्ति केंद्र खोले गए है। इन केन्द्रों में जाकर बहुत से लोग नशा छोड़ भी देते है। जिसके अनुसार नशा मुक्ति केंद्र को एक अच्छे केंद्र की श्रेणी में रखना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं है।
अंबाला के मटहेड़ी गांव में बाला जी फाउंडेशन के नाम से अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र चल रहा था। इस नशा मुक्ति केंद्र में 32 युवक थे। इन 32 युवकों में से 28 युवकों को उनके परिजनों सौंप दिया गया है जबकि चार युवकों को अभी परिजनों के आने तक सिटी ट्रामा सेंटर के आइसोलेशन रूम में दाखिल कराया गया है। अवैध नशा मुक्ति केंद्र चला रहे में कर्णवीर सिंह, प्रिंस कुमार, विनोद कुमार, शिवम चुघ, सुनील कुमार, गुरप्रीत सिंह, भावुक कुमार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक, जब टीम नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंची तो केंद्र पर ताला लगा पाया। जब स्टाफ से गेट खोलने के लिए बोला गया तो आनाकानी करने लगे बाद में जबरन गेट खुलवाने पर देखा कि एक भी डॉक्टर वहां नहीं है। नशा मुक्ति केंद्र में कोई ना कोई डॉक्टर स्टाफ होना चाहिए लेकिन वहां नहीं है। अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति की बिल्डिंग को खाली करवा दिया गया है। संचालक सहित सात पर मामला दर्ज कर लिया है और जल्द ही उन्हें काबू कर लिया जाएगा।