फिरोजपुर झिरका। देश के सबसे चर्चित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद इसमें अब खामियां नजर आने लगी हैं। शुरूआत से ही इसके निर्माण में घटिया सामग्री लगाने और निर्माण में अनियमिताएं बरतने का आरोप लगता आया है। बुधवार की शाम यह बात उस समय सत्य हो गई जब मंहू गांव के निकट एक्सप्रेस-वे के एक पुल का मलबा गिरने से हकडंप मच गया। वैसे इस एक्सप्रेस-वे को शुरू हुए चार माह हो चुके हैं। वहीं सूचना के बाद हरकत में आए एनएचएआई के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त एक्सप्रेस-वे के दौरा कर वहां चेतावनी बोर्ड लगा दिया है।
हालाकि इस सुपर फास्ट एक्सप्रेस-वे के बीच में चेतावनी बोर्ड लगाने के बावजूद यहां हादसों का खतरा बना हुआ है, चूंकि अतीत में यहां पहले ऐसा हो चुका है। एक्सप्रेस-वे पर अभी भी कई जगह खामियां हैं। इनकी वजह से लोगों की जान भी जा चुकी हैं।
बुधवार की शाम को पुल दरकने की सूचना महंू गांव से जैसे ही आई तो यहां इस एक्सप्रेस-वे के ऊपर चलने वाले वाहनों के अलावा इस पुल के नीचे से निकलने वाले लोगों को खतरा महसूस हुआ। राहगीर आबिद अली, ताहिर हुसैन, साजिद खान, महेश कुमार ने बताया कि वे पुल के नीचे से निकले तो उसमें लेंटर गिर रहा था। यानी जैसे ही एक्सप्रेस-वे पर गाडिय़ां दौड़ती हैं तो पुल का लैंटर दरकने लगता है। लोगों ने बताया कि इसको लेकर कई बार संबंधित प्रशासन और टॉल ऊगाने वाले ठेकेदार को कहा गया परंतु उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।
बृहस्पतिवार को पुल का हिस्सा टूटने से एनएचएआई के अधिकारियों ने उपरोक्त स्थान पर वाहनों के गुजरने पर पाबंदी लगा दी। प्रशासन के दस्ते ने एक्सप्रेस-वे के बीच में चेतावनी पट्ट लगाकर लोगों को सचेत किया और हादसे बचाने का प्रयास किया।