Friday, November 22, 2024
14.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeHARYANAGurugramफर्जी पत्रकार- पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

फर्जी पत्रकार- पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Google News
Google News

- Advertisement -

गुरुग्राम। फर्जी पत्रकार व पुलिस अधिकारी बनकर साइबर अपराध करने का आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी देने के दो आरोपियों को गुरुग्राम पुलिस ने दबोचा है। आरोपी देशभर में सेंकड़ों वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। इन दोनों आरोपियों समेत कुल तीन आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। इस वारदात में शामिल रहे गाड़ी चालक सुनील नामक आरोपी को गत 5 जून को जयपुर से काबू किया। अदालत में पेश करके उसे रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान उसने अपने साथियों के बारे में खुलासा किया। उसके कब्जे से एक कार भी बरामद की गई।
आरोपी सुनील के खुलासे के आधार पर ही पुलिस ने बाकी आरोपियों को पकडऩे की योजना बनाई। दोनों आरोपियों को जयपुर से ही काबू किया गया है। आरोपियों की पहचान आठवीं पास मोहित कुमार टांक (29), देवकीनंदन निवासी मध्य प्रदेश फिलहाल निवास जयपुर का है। इसकी उम्र 37 वर्ष है और दसवीं पास है। पुलिस उपायुक्त पूर्व नितिश अग्रवाल, थाना सदर प्रबंधक निरीक्षक वेदप्रकाश, उप-निरीक्षक जसवंत, पुलिस चौकी प्रभारी झाड़सा की टीम ने इस आॅपरेशन को सफल बनाया।


पुलिस के अनुसार आरोपी मोहित जयपुर में टूरिस्ट गाइड का काम करता था। करीब 9 साल पहले वह एक डिस्को में काम करने के लिए गया। वहां पर उसकी मुलाकात तहलका चैनल के मालिक इब्राहिम शेख से हुई। अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण वह मुंबई में इब्राहिम शेख के साथ मिलकर अच्छे रुतबे वाले लोगों का स्टिंग आॅपरेशन करने लगा था। वर्ष 2020 में कोविड के कारण लॉकडाउन हो गया और वह वापस जयपुर आ गया। पता चला है कि मोहित टांक स्टिंग आॅपरेशन का काम अच्छे से जानता था। जयपुर के ही रहने वाले देवकीनंदन व सुनील के साथ मिलकर उसने उगाही करने की योजना बनाई। विभिन्न वेबसाइट के माध्यम से वह लोगों को अपना शिकार बनाने लगा। वे पुलिस थानों की जानकारी लेते। थाने-चौकियों के गेट पर वे लोगों को बुलाते थे, ताकि उन्हें विश्वास हो जाए कि वे असली पुलिस वाले हैं। इनमें से देवकीनंदन पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाता था, वहीं मोहित कुमार टांक पत्रकार बनता था।

एक महीने तक एक शहर में ठहरते थे आरोपी
यह एक शहर में एक महीने तक ठहरते और कई वारदातों को अंजाम देकर दूसरे शहर में पहुंच जाते। आरोपियों ने स्वीकारा है कि उन्होंने में पूरे देश में ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है। विशेषकर दिल्ली, जयपुर, बेलगांव, मुम्बई, अहमदाबाद आदि शहरों में इनकी ओर से वारदातें की गई। जब पीड़ित को पता चलता कि उसके साथ ठगी हुई है तो वह पुलिस में शिकायत करने की कहता। अपनी चालबाजी से आरोपी उसी व्यक्ति को अधिक रुपये देकर समझौता कर लेते थे।

इस तरह से गुरुग्राम में दिया वारदात को अंजाम
बीते 4 जून को एक व्यक्ति ने पुलिस चौकी झाड़सा को शिकायत देकर कहा था कि एक व्यक्ति ने वेबसाइट के माध्यम से उनके संपर्क किया और सर्विस मांगी। साथ ही मोबाइल नंबर पर सम्पर्क करके उन्हें सेक्टर-39 साईबर पार्क में उन्हें बुलाया। उन्होंने अपना परिचय पुलिसकर्मियों के रूप में कराया। उन्हें साईबर अपराध करने के अपराध में जेल भेजने की धमकी दी। इसके बाद गाड़ी में बिठाकर सेक्टर-39 ले गए। एक अन्य व्यक्ति मिला, जिसने अपना परिचय सीनियर पुलिस अधिकारी के रूप में कराया। उसने एक लाख रुपये की मांग की। रुपये ना देने पर जेल भेजने की धमकी दी। पीड़ित ने बताया कि उसने अपने भाई के खाते से उनके द्वारा बताए गए बैंक खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर करवा दिए। बाकी रुपयों का प्रबंध करने और इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू की।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

UP News: सहारनपुर में शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव

21 नवंबर को सहारनपुर जिले में नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पर अज्ञात हमलावरों ने पथराव किया। इस घटना में ट्रेन...

Recent Comments