पलवल। जनवरी में जिला पुलिस की गिरफ्त में आए दो साइबर ठगों के जब्त कंप्यूटर और लैपटॉप की जांच में पुलिस द्वारा काटे गए ई-चालान की जुर्माना राशि को कम कर मामला निपटाने का खुलासा हुआ है। इसमें पुलिस कार्यालय के कुछ स्टाफ की संलिप्तता के भी पुख्ता संकेत मिले हैं लेकिन साइबर अपराधियों द्वारा ई-चालान के में सरकार को लगाई चपत की राशि का ब्योरा अभी नहीं मिल पाया है।
इस मामले में साइबर क्राइम थाना एसएचओ इंस्पेक्टर जसबीर सिंह की ओर से कैंप थाना में एफआईआर कराई गई है। उनके अनुसार, साइबर ठगों ने कंप्यूटर पर फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन और आरसी की स्कैन कॉपी बनाकर ई-चालान के जुर्माने की राशि को कम करवाते थे। पुलिस द्वारा काटे गए ई-चालान की राशि को कम करवाकर चालान निपटवाते थे। इन दस्तावेजों को कंप्यूटर पर ऐडिट कर चालान शाखा में एक हवलदार व होम गार्ड के वॉट्सऐप नंबर पर भेजा गया था।
गत 20 जनवरी को हरबिंद्र और सुरेश कुमार के साथ धनी ऐप पर हुई साइबर ठगी में 28 जनवरी को सल्लागढ़ निवासी अरुण कुमार और कैलाश नगर निवासी अमित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनसे चार मोबाइल फोन, एक टैब और कंप्यूटर बरामद हुआ था। उनकी जांच में ही पूरा प्रकरण सामने आया तो पुलिस अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए।
इस मामले में चालान शाखा में कार्यरत पुलिस कर्मियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। सरकार को कितना राजस्व का चूना लगाया गया है, जल्द ही इसका ब्योरा मिल जाएगा। उसके लिए चालान शाखा व मोटर व्हीकल एक्ट कोर्ट द्वारा इन दस्तावेजों के आधार पर जांच कराने की आवश्यकता है कि सरकार को कितने राजस्व का चूना लगाया है।
–संदीप मोर, डीएसपी ट्रैफिक