भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के वार्षिक ब्रह्मोत्सव के दौरान तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति मंदिर ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (टीटीडी) के अनुसार, इस साल ब्रह्मोत्सव के पहले आठ दिनों में 30 लाख लड्डुओं की बिक्री हुई। यह उत्सव नौ दिनों तक चला और श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
टीटीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “इस साल, लड्डुओं की कीमत 50 रुपये प्रति लड्डू रखी गई थी। पहले आठ दिनों में लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किया। इनमें से 3.5 लाख श्रद्धालु गरुड़ सेवा के विशेष दिन पर उपस्थित हुए।” यह बिक्री पिछले साल के समान रही, जो दर्शाता है कि श्रद्धालुओं की इस विशेष प्रसाद के प्रति गहरी आस्था बनी हुई है।
टीटीडी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वर्ष हुंडी संग्रह 26 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2 करोड़ रुपये अधिक है। यह वृद्धि दर्शाती है कि भक्तों का मंदिर में विश्वास और श्रद्धा निरंतर बढ़ रही है।
इसके अलावा, इस वर्ष 26 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को अन्नप्रसाद (पवित्र प्रसाद) परोसा गया, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या केवल 16 लाख थी। यह संख्या भी मंदिर प्रबंधन के प्रयासों और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या का प्रमाण है।
इस विशेष अवसर पर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने 4 अक्टूबर को ब्रह्मोत्सव के पहले दिन श्रीवारी मंदिर को रेशमी वस्त्र भेंट किए। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एकजुटता और समर्पण का भी प्रतीक है।
इस प्रकार, तिरुपति मंदिर के वार्षिक ब्रह्मोत्सव ने एक बार फिर से श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है और उनके दिलों में भगवान वेंकटेश्वर के प्रति आस्था को और गहरा किया है।