देश रोज़ाना: भारत के 87 हज़ार लोग अपनी नागरिकता छोड़कर विदेश की नागरिकता ग्रहण कर चुके है। जिससे यह साफ़ जाहिर होता है कि कोई न कोई कमी भारत में जरूर है। जो भारत के युवाओं को भारत की नागरिकता छोड़ कर जानी पड़ सकती है। इस बात का खुलासा विदेश मंत्री जयशंकर संसद में किया था। 2011 से लेकर अबतक 17 लाख से भी अधिक लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। सबसे अधिक लोग अमेरिका की नागरिकता अपनाये हुए है।
बीते दो दशकों में बड़ी मात्रा में भारतीय ग्लोबल वर्कप्लेस की तलाश करते है। इनमे से बहुत से ऐसे लोग है। जो अपनी जरूरतों को पुरा करने के लिए भारतीय नागरिकता छोड़े हुए है। विदेश मंत्री ने बताया कि 2020 में 85 हजार, 2021 में 1.63 लाख और 2022 में 2.25 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी थी।
इतना बड़ा आकड़ा सुनने के बाद सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। सरकार ने स्किल और स्टार्टअप जैसे कदम उठाए है। जिससे यह प्रयास किया गया है कि भारत के लोह भारत में ही रहे। सराकर उन्हें सारी सुविधा प्रदान करा सके।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत समुदाय के लोग हमारी संपत्ति है। और उनसे भी अधिक मजबूत रिश्ते बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहे है। समल और प्रभावशाली प्रवासी भारतीय हमारे लिए एसेट है और हम उनके जरिए देश के विकास के लिए कदम उठाते रहेंगे।