Indian Space Research Organization(ISRO) ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले अंतरिक्ष Mission, Aditya-L1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। Mission का उद्देश्य सूर्य के वायुमंडल के ऊपरी हिस्से (परिमंडल और कोरोना) के गतिशीलता, chromospheric औरcoronal ताप, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा के भौतिकी, और coronal द्रव्यमान के उत्सर्जन और फ़्लेयर्स की शुरुआत का अध्ययन करना है। यह इन-साइट कण और प्लाज्मा वातावरण का भी निरीक्षण करेगा, जिससे सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान होगा।
Aditya-L1 को एक हैलो कक्षा में रखा जाएगा, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच एक बिंदु है जहां गुरुत्वाकर्षण बल और सूर्य की गतिज ऊर्जा एक दूसरे को संतुलित करते हैं। यह कक्षा सूर्य से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है। ISRO के अनुसार, आदित्य-एल1 का Mission 5 साल का होगा।
Mission का नाम सूर्य के देवता आदित्य के नाम पर रखा गया है। आदित्य-एल1 को एक 44.4 मीटर लंबा और 321 टन वजनी उपग्रह है। इसमें चार वैज्ञानिक उपकरण हैं:
एक परिमंडल और कोरोना इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (PMIS), जो परिमंडल और कोरोना के गतिशीलता का अध्ययन करेगा।
एक coronal इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (CIS), जो कोरोना के तापमान और घनत्व का अध्ययन करेगा।
एक कण और प्लाज्मा डिटेक्टर (PPD), जो इन-साइट कण और प्लाज्मा वातावरण का अध्ययन करेगा।
एक सूर्य-आधारित विद्युत चुम्बकीय (EM) विकिरण माप उपकरण (SERM), जो सूर्य से EM विकिरण का अध्ययन करेगा।
Aditya-L1 का Mission भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति को और बढ़ावा देगा। यह सूर्य के वायुमंडल के बारे में हमारी समझ को और गहरा करेगा और अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी में हमारी क्षमता में सुधार करेगा। यह Mission भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी एक नींव रखेगा जो सूर्य का अध्ययन करते हैं।
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 9, 2023
The third Earth-bound maneuvre (EBN#3) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.
ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 296 km x 71767 km.… pic.twitter.com/r9a8xwQ4My
Aditya-L1 के लॉन्च को लेकर वैज्ञानिकों और इंजीनियरों में खुशी की लहर है। वे इस Mission के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं और इससे प्राप्त होने वाले परिणामों से उत्साहित हैं।
Aditya-L1 Mission भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।
यह Mission भविष्य में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और बढ़ावा देगा और हमें सूर्य के बारे में और अधिक जानने में मदद करेगा।