गौरतलब है कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया है हालांकि इसको लेकर राजनीति भी चरम पर है। लेकिन इसी बीच संसद के विशेष सत्र से पहले केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मीडिया की खबरों के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा होने की संभावना है तो वहीं ऐसी भी खबरें हैं की संसद का विशेष सत्र संसद के पुराने भवन में शुरू होगा और 19 सितंबर को नए भवन में चलेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की सूचना नहीं होने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं कांग्रेस की तरफ कांग्रेस महासचिव जय राम रमेश ने एक्स यानी कि ट्विटर पर बिना नाम लिए पोस्ट कर लिखा आज 13 सितंबर है, संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र पांच दिन बाद शुरू होगा एक शख्स (शायद दूसरे को भी) को छोड़कर किसी को भी एजेंडे की जानकारी नहीं है।
पिछले प्रत्येक अवसर पर जब भी विशेष सत्र या विशेष बैठकें आयोजित की जाती थी तो कार्य सूची के बारे में पहले से जानकारी होती थी। जयराम रमेश ने कहा कि 26 नवंबर साल 2019 को संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में केंद्रीय कक्ष में विशेष बैठक हुई, 30 जून साल 2017 को जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को केंद्रीय कक्ष में संयुक्त विशेष सत्र हुआ, 26 और 27 नवंबर साल 2015 को संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक आयोजित हुई। उनके मुताबिक 13 मई साल 2012 को राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की सातवीं वर्षगांठ मनाने के लिए भी विशेष बैठक हुई, इस तरह से उन्होंने पिछली हुई बैठकों का हवाला दिया।
तो वहीं टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी सरकार पर हमला बोला और कहा की संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर अभी भी कोई शब्द नहीं है, डेरेक ओ ब्रायन ने पोस्ट कर लिखा विशेष संसद सत्र शुरू होने में दो कार्य दिवस शेष है और अभी भी एजेंडे को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला गया है, केवल दो लोग ही इस बारे में जानते हैं और हम अभी भी खुद को संसदीय लोकतंत्र कहते हैं।