क्या है बीजेपी की रणनीति—
2024 के लोकसभा चुनाव और पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा पूरी तैयारी में जुट गई है। 17 अगस्त को भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की चुनिंदा विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी और यह फैसला उन्होंने भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद लिया। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 21 और मध्य प्रदेश की 230 में से 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई है। अब इसे बीजेपी की जल्दबाजी माना जाए या पार्टी की कोई सियासी रणनीति सवाल यह उठता है कि बीजेपी इतनी जल्दबाजी में उम्मीदवारों की घोषणा क्यों कर रही है जबकि चुनाव तो दोनों ही राज्यों में साल के आखिर में होने हैं पार्टी के अंदर खाने खबरें ऐसी है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी की रणनीति टीम ने उन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है जहां पार्टी ने लंबे वक्त से जीत हासिल नहीं की है या उस सीट पर कांग्रेस के साथ करीबी लड़ाई मानी जा रही है। बीजेपी ने सीटों को चार श्रेणियां में भी बांटा है। यानी ए सीट सुरक्षित सीट मानी जा रही है। बी श्रेणी वाली सीट जहां बीजेपी एक बार हारी हो, सी श्रेणी में उन सीटों को रखा गया है जहां पार्टी के उम्मीदवार दो बार से ज्यादा हार गए हो और डी श्रेणी में वे सीटें शामिल की गई है जहां बीजेपी ने जीत का स्वाद शायद ही कभी चखा हो और जो यह उम्मीदवारों की घोषणा की गई है वह सी और डी की सीटों के लिए की गई है। और छत्तीसगढ़ में जिन 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित की गई है उनमें से 10 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 21 सीटों में से एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और बाकी 10 सीटें सामान्य वर्ग की है। आपको बता दे कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में एसटी आरक्षित सीटों पर भारी बहुमत हासिल किया था। छत्तीसगढ़ में कुल 29 एसटी और 10 एससी आरक्षित सीटें हैं।
तो वहीं मध्यप्रदेश में 39 सीटों पर जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है उनमें से आठ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और 13 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। मध्य प्रदेश में कुल 47 एसटी आरक्षित सीटें हैं और 35 एससी आरक्षित सीटें हैं तो वहीं प्रदेश में आरक्षित सीटों में से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से ज्यादातर कांग्रेस के पास ही है।