जम्मू कश्मीर के लिए संविधान में अनुच्छेद 35 ए जोड़ने से लोगों के तीन मौलिक हक छीन गए थे। ऐसा सुप्रीम कोर्ट का कहना है राज्य के स्थाई निवासियों को मिले विशेष अधिकार के चलते देश के अन्य हिस्सों के लोगों के जम्मू कश्मीर में रोजगार, जमीन खरीदने और वहां बसने के अधिकार का हनन हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के मुताबिक राज्य में नौकरी रोजगार पाने में सभी नागरिकों को समान अवसर अचल संपत्ति जमा करने का अधिकार राज्य सरकार के तहत मौलिक अधिकार के श्रेणी में आता है उनका कहना है कि यह सब अधिकार अनुच्छेद 35 ए लोगों से चिंता है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर के नागरिकों के लिए विशेष अधिकार थे तो वही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अनुच्छेद 35 ए हटाने से राज्य का विकास हो रहा है बड़े पैमाने पर निवेश भी हो रहा है पर्यटन के क्षेत्र में तेजी आ रही है जम्मू कश्मीर के लोगों को भी उन योजनाओं का लाभ मिल रहा है जो देश के दूसरे हिस्से के लोगों को मिल रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के शिक्षा विभाग के लेक्चर को निलंबित करने पर भी सवाल उठाए और कहां के लेक्चर ने 24 अगस्त को अनुच्छेद 370 निरस्त करने से जुड़े मुद्दे पर दलील रखी थी। कोर्ट ने अटॉर्नी ऑफ जनरल से निलंबन मुद्दे पर राज्य प्रशासन से बात करने और भट के निलंबन पर विचार करने को भी कहा।
अनुच्छेद 35 ए ने छीने थे अधिकार— कोर्ट
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