तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर टिप्पणी के बाद सियासी बवाल मचा पड़ा है। ना केवल राजनीतिक पार्टी बल्कि सनातन धर्म से जुड़े धर्म गुरु और संस्थाएं भी इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी है। उदयनिधि की इस टिप्पणी के बाद असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। मीडिया खबरों के मुताबिक हेमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि अगर कांग्रेस पार्टी उद्यानिधि के बयानों से किनारा नहीं करती तो यह मान लिया जाएगा की पार्टी एंटी हिंदू है, असम मुख्यमंत्री सरमा ने उदयनिधि की इस टिप्पणी पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम की कथित टिप्पणी पर बचाव को लेकर कांग्रेस पार्टी के रुख पर भी सवाल उठाए है। हेमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि मैं तमिलनाडु के मंत्री के बयान की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने ही खुद को बेनकाब कर दिया है, इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इसी तरह की टिप्पणियां कार्ति चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की थी। उनका कहना है कि अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस डीएमके के साथ गठबंधन में रहेगी और चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करेगी यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा का वक्त है क्योंकि उन्हें फैसला लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं,इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि राहुल गांधी डीएमके से नाता नहीं तोड़ते हैं या चिदंबरम को पार्टी से नहीं निकलते हैं तो इसकी पुष्टि हो जाएगी कि यह लोग यानी कि कांग्रेस हिंदू विरोधी है, इन्हें सनातन धर्म पसंद नहीं है, इन्हें हिंदू धर्म पसंद नहीं है।
गौरतलब है कि शनिवार को तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदय निधि स्टालिन ने आरोप लगाया था कि सनातन धर्म सामान्य और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और उन्होंने इसकी तुलना मलेरिया, डेंगू वायरस और कोरोना जैसी बीमारियों से की थी और इस बयान के बाद पूरे देश में सियासी बवाल मचा हुआ है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख की तरफ से इस बयान का हवाला देते हुए एक्स यानी कि ट्विटर पर लिखा गया तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएम के सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है उदय निधि का मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए न केवल विरोध किया जाना चाहिए वे सनातन धर्म को मानने वाली भारत की 80 फ़ीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, इसके आगे लिखते हुए उन्होंने डीएम के विपक्षी गुट का एक प्रमुख सदस्य है और कांग्रेस का लंबे वक्त से सहयोगी भी है, क्या मुंबई बैठक में इसी पर सहमति बनी थी। ये लिखते हुए कटाक्ष भी किया।