वैसे तो बिहार नौकरियों के मामले को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है,इस बार भी कुछ ऐसा ही मामला है बिहार में एक लाख बीस हजार तीन सौ छत्तीस शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को नियुक्ति पत्र देंगे,गांधी मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित होगा।
बिहार शिक्षक भर्ती इस बहाली को लेकर पहले से ही घमासान बचा हुआ है,एक तरफ बीजेपी के नेता पूर्व सीएम जीतन राम मांझी,चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार बिहार को लेकर घोटाले का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जदयू ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने सोशल मीडिया एक पर बयान जारी किया है।
बिहार महिलाओं को नौकरी देने में आगे
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने बिहार सरकार की तुलना दिल्ली से की है और निशाना साधा है। शिक्षक बहाली को लेकर जदयू प्रवक्ता का कहना है कि आजाद भारत के इतिहास में 2023 में युवाओं को रोजगार देने के मामले में बिहार का ये एक ऐतिहासिक कदम है। जदयू नेता ने केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया है और आंकड़ा जारी किया और बताया कि बिहार कैसे दूसरे राज्यों के साथ महिलाओं को भी नौकरी देने में आगे हैं।
जेडीयू ने आंकड़ों के जरिए साधा निशाना–
जेडीयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि केंद्र ने हाल ही में नियुक्ति पत्र बांटे थे,जिसमें 51000 में मात्र 133 बिहार के निवासी है,इसमें महिलाओं की संख्या मात्र 21 है तो दूसरी तरफ बिहार है जहां एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों की बहाली हुई है और इसमें 4830 महिला शिक्षक है यानी 57854 महिला शिक्षकों को नौकरियां दी गई है।
बिहार ने रचा इतिहास
नीरज कुमार कहते हैं कि बिहार शिक्षक बहाली में कुल अभ्यर्थियों में 88 फ़ीसदी बिहार के हैं 12 फ़ीसदी बाहर के राज्यों के भी है। केरल, कर्नाटक,गुजरात,दिल्ली,महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,झारखंड और असम जैसे राज्य भी है। इसलिए बिहार ने तो इतिहास रचा है बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन है।
तो वहीं नीरज कुमार ने आरोप लगाने वालों को कहा है की परीक्षा फल पर जिनकी नियुक्ति हुई है उस पर आप लोग सवाल उठा रहे हैं ये उनकी मेधा पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि फर्जी बहाली हुई है।