मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष सदन में पीएम मोदी का बयान चाहता है, तो इधर सत्तापक्ष का भी यही कहना है कि हम भी चाहते हैं कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा हो लेकिन बात दोनों ही पक्षों से नहीं बन पा रही है, मणिपुर मुद्दे पर सियासत तो अने पूरे उफान पर है लेकिन इस ज्वलंत और संवेदनशील मुद्दे का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। सदन में लगातार हंगामा मचा हुआ है विपक्ष के हंगामे के बीच संसद का कामकाज ठप पड़ा हुआ है। इसी बीच मंगलवार को विपक्ष की नारेबाजी के बीच सदन में संक्षिप्त चर्चा हुई और उसके बाद जैव विविधता और बहु राज्य सहकारी समितियां विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक पर की गई चर्चा में सहकारी समितियां विधायक के बारे में कहा कि सरकार द्वारा दीपावली तक देश में नई सरकारी नीति लायी जाएगी,आगामी 25 सालों के लिए सहकारिता का मानचित्र प्रस्तुत किया जाएगा, साथ ही इसमें जैव संसाधनों का उपयोग करते अनुसंधान को तेज करके पेटेंट संबंधी आवेदन की प्रक्रिया और अनुसंधान परिणामों को सुगम बनाएं जाने पर जोर दिया गया है। इस विधेयक पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी चर्चा का जवाब दिया और कहा कि जैव विविधता कानून के लागू होने के बाद लगभग 20 साल में इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न जमीनी समस्याओं को देखा गया और जैव विविधता संरक्षण के लिए समान बंटवारे के लिए संशोधन किए जाने जरूरी थे। आपको ये भी बता दें कि सहकारी संस्थानों का ऑनलाइन डाटाबेस जारी होगा।इसी के साथ राज्यसभा में हंगामे के बीच छत्तीसगढ़ के कई समुदायों को अनुसूचित जनजाति की फेहरिस्त में शामिल करने से संबंधित बिल विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित कर दिया गया साल 2022 में इस विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से मंजूरी दी गई थी छत्तीसगढ़ के कई समुदायों को एसटी की लिस्ट में शामिल करने का यह विधायक नोकझोंक बहिर्गमन के बीच पारित कर दिया गया।
हंगामे के बीच पारित हुए विधेयक
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