आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अगर छत्तीसगढ़ राज्य की बात की जाए तो वहां भाजपा बनाम भूपेश बघेल मुकाबला दिख रहा है और इसी के चलते छत्तीसगढ़ में बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में अलग रणनीति बनाकर काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ लंबा चौड़ा आरोप पत्र जारी भी कर दिया है,इसके अलावा पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसी विधायक और राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल खड़ा करना चाहती है।
और इसके लिए पार्टी ने अपनी परिवर्तन यात्राओं से हर विधानसभा को साधने की तैयारी भी कर ली है। पार्टी का सारा जोर आदिवासी सीटों पर ज्यादा है। जिन सीटों पर पिछली बार पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी। उस हार का बड़ा कारण ये सीटें ही रहीं थी।
छत्तीसगढ़ के संगठन और चुनाव प्रभारी ओम माथुर सभी विधानसभा क्षेत्र की हर दिन जानकारी लेते हैं जो रणनीति बनाई गई है उसे पर पार्टी कार्यकर्ता अमल कर रहे हैं या नहीं इसकी भी हर दिन जांच करते हैं भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव के लिए उतार रही है और उनकी कोशिश सभी को साथ लेकर चलने की है और यही कारण है कि दोनों परिवर्तन यात्राओं का नेतृत्व बड़ा नाम न होने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता विपक्ष नारायण चंदेल को सौंपा गया है दूसरे बड़े नेता यात्राओं के दौरान मौजूद भी रहेंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण आदिवासी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों को साधने के लिए बीजेपी इस बार जोरआजमाइश में लगी हुई है और तभी पार्टी की होने वाली दोनों परिवर्तन यात्राएं भी प्रदेश के दोनों आदिवासी बहुल क्षेत्र बस्तर और सरगुजा से ही शुरू होगी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर शिकस्त मिली थी तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की बड़ी जीत में इन सीटों का सबसे बड़ा हाथ रहा था बीजेपी का जोर अब इन आदिवासी सीटों पर सबसे ज्यादा है। पार्टी की दोनों परिवर्तन यात्राएं आदिवासी बहुत क्षेत्र से शुरू हो रही है पहली यात्रा 12 सितंबर को बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा से शुरू होगी इस यात्रा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे 16 दिन तक चलेगी यह यात्रा। तो वहीं 16 सितंबर को सरगुजा क्षेत्र में जशपुर से शुरू होगी दूसरी परिवर्तन यात्रा। इस यात्रा को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे यह यात्रा 12 दिन तक चलेगी दोनों यात्राओं का आखिरी पड़ाव बिलासपुर में होगा।सियासी समीकरण आंकड़ों पर नजर डालें तो 90 विधानसभा सीटें 39 सीटें आरक्षित अनुसूचित जाति दलित समुदाय की 10 सीटें सरगुजा
अनुसूचित जनजाति आदिवासी वर्ग की 29 सीटें बस्तर
आदिवासी वर्ग की ज्यादातर सीटें बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में ही है, बस्तर में मात्र एक सीट दंतेवाड़ा बीजेपी को मिली थी उपचुनाव में वो भी हार गई, सरगुजा की सभी 14 सीटें बीजेपी हार गई थी।
सरकार विरोधी माहौल बनाने में जुटी बीजेपी–
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