मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को रैली की और विपक्ष पर निशाना साधा इस यात्रा के साथ ही,उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी की।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नया दवा खेल कर सभी को चौंका दिया। आगामी विधानसभा चुनाव के रण को जीतने के लिए तीन केंद्रीय मंत्री को प्रधानमंत्री मोदी ने मैदान में उतारा।
अब कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि दो और केंद्रीय मंत्रियों को भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने का मौका दिया जाएगा,जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम है हालांकि अभी तीसरी सूची जारी होने में वक्त है।
साल 2023 विधानसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। चुनाव में सांसद और केंद्रीय मंत्री भी मैदान में उतर गए हैं,ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी की जा रही हो। गौरतलब है कि मोदी सरकार में मध्य प्रदेश का दबदबा हमेशा से रहा है, मध्य प्रदेश के सांसदों को बड़ी संख्या में मंत्री पद भी दिए जाते हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फगन सिंह कुलस्ते को विधानसभा चुनाव में उतार दिया गया है।
फिलहाल दो मंत्री बचे हुए हैं और अटकलें यही लगाई जा रही है कि इन्हें भी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतारा जाएगा।
ज्योतिआदित्य सिंधिया को ग्वालियर चंबल संभाग से चुनाव लड़वाने के कयास लगाए जा रहे हैं तो वहीं केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक को भी इस बार विधानसभा चुनाव में सियासी रण में उतरा जा सकता है।
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा, कमलनाथ सरकार चारों खाने चित हो गई है। मौजूदा में केंद्रीय मंत्री सिंधिया को राज्यसभा के रास्ते दिल्ली बुलवाया गया मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरी ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा सांसद के बाद मंत्री भी बन गए। सिंधिया को ग्वालियर चंबल संभाग के किसी भी सीट से बीजेपी अब मैदान में उतारने का सोच रही है।
सियासत में यह माना जाता है कि प्रत्याशी ही पार्टी का माहौल बनाते हैं और बिगड़ते हैं यही कारण है कि भाजपा ने इस बार नया दाव खेला है और केंद्रीय मंत्रियों को संसद का मैदान छुड़वाकर विधानसभा में उतार दिया है।
केंद्रीय मंत्रियों के अलावा सांसद उदय प्रताप सिंह राकेश सिंह और गणेश सिंह को भी विधानसभा चुनाव में उतरा गया है पार्टी ने मात्र 18 सीटों की घोषणा की है। दूसरी सीटों पर केंद्रीय मंत्री मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहै है और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण जो माना जा रहा है वह बीजेपी मध्य प्रदेश के चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है।