मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले संभावित चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने अपनी हारी हुई 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं बीजेपी की कोशिश है कि इन कमजोर सीटों पर ज्यादा मेहनत की जाए। इन सीटों से मैदान में उतरे प्रत्याशियों को प्रचार करने के लिए तीन महीने से ज्यादा का वक्त मिल जाएगा और यदि टिकट न मिलने पर संभावित अंदरुनी भितरघात की स्थिति पैदा होती है तो भी उससे निपटने के लिए पार्टी के पास वक्त रहेगा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर हुई बैठक के 24 घंटे के अंदर ही भाजपा ने मध्य प्रदेश के 39 प्रत्याशी और छत्तीसगढ़ के 21 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दिल्ली में हुई बैठक में कमजोर सीटों पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर विचार विमर्श भी किया गया। कुछ दिनों पहले बीएसपी ने 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा की थी जबकि कांग्रेस में सीटों को लेकर अभी विचार-विमर्श चल रहा है। मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास विधानसभा में 127 सीटें हैं और 103 सीटों पर विपक्ष। बीजेपी ने जिन 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं उनमें से 38 सीट कांग्रेस के कब्जे में है और एक सीट बीएसपी के पास है तो वहीं घोषित प्रत्याशियों में से 8 अनुसूचित जाति, 13 अनुसूचित जनजाति और 18 सामान्य वर्ग के हैं। इनमें से छह पूर्व मंत्री और 12 पूर्व विधायक भी है।कांग्रेस और बीएसपी के प्रभाव वाली इन सीटों पर भाजपा ने जिन लोगों पर टिकट देने की घोषणा की है उनको लेकर पार्टी में करीब करीब सहमति की स्थिति बताई जा रही है।