विधानसभा के चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है बात मध्य प्रदेश की वैसे तो सियासी दलों में आपस में ही मुकाबला होता है लेकिन मध्य प्रदेश की बात की जाए तो वहां मुश्किल बीजेपी के सामने जो आने वाली है,वो विपक्षी पार्टी कांग्रेस से ज्यादा अपने कार्यकर्ताओं को लेकर है।
दरअसल पार्टी के लिए नाराज कार्यकर्ताओं को साधना चुनौती बना हुआ है। पार्टी ने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार कर अपने पक्ष में माहौल तो बना लिया लेकिन ज्यादातर मंत्रियों को फिर से टिकट मिलने से सत्ता विरोधी लहर का भी खतरा दिख रहा है।
कांग्रेस से आए नेताओं को तवज्जो मिलने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है पिछले दो दशकों में सवा साल को छोड़कर ज्यादातर वक्त सत्ता में रहने से बीजेपी को थोड़ा बहुत सत्ता विरोधी माहौल का सामना तो करना ही पढ़ रहा है यही कारण है कि पार्टी इस बार सत्ता बरकरार रखने के लिए प्रदेश के अपने ज्यादातर बड़े नेताओं को चुनावी मैदान में उतार रही है और वहीं भावी मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित नहीं किया है,पार्टी ने अभी तक पार्टी के बड़े नेता प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से चुनाव मैदान में है ऐसे में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही जनता के बीच भी नया माहौल बनाने की कोशिश हो रही है।
बीजेपी ने अभी तक राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 136 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है,पिछले सोमवार को जारी की गई बीजेपी की 57 सीटों की चौथी लिस्ट में सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया जिनमें मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सरकार के 24 मंत्रीयों का नाम भी शामिल है।
पार्टी राज्य के प्रमुख नेताओं के टिकट काटने की बजाय उन पर फिर से भरोसा जता रही है हालांकि इससे बदलाव की उम्मीद कर रहे कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था तब पार्टी ने सवा साल के अंदर कांग्रेस में हुई टूट का फायदा उठाया और फिर से अपनी सरकार बना ली उस वक्त कांग्रेस में 22 विधायक बीजेपी के पाले में खड़े थे और उनमें से ज्यादा तो चुनाव जीत कर विधायक और मंत्री भी बने।
पार्टी ने इस बार उनमें से ज्यादातर पर फिर से दांव लगा दिया है,बीजेपी के पुराने नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है क्योंकि वे इन सीटों पर अपने लिए संभावनाएं देख रहे थे। कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लेकर पार्टी की तरफ से तो यही कहा जा रहा है कि हर चुनाव में टिकट बांटने पर इस तरह की स्थिति बनती है लेकिन कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती है।
बीजेपी को मध्य प्रदेश में 94 और सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करनी है,अंदर खाने जो खबरें निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक पार्टी सीटों में कुछ बदलाव कर सकती है लेकिन पार्टी ने साफ कर दिया है कि बड़े नेताओं को घर बैठकर जोखिम नहीं लेना चाहती है क्योंकि इन नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग भी जुड़ा हुआ है।