राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी, ईडी की छापेमारी को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा,इसके अलावा उन्होंने अपने सीएम पद को लेकर पुराना राग भी अलापा।
दरअसल जब अशोक गहलोत से सीएम बनने के सवाल को पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कांग्रेस में जो सीएम उम्मीदवार होता है वह नहीं बनता अपनी सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को गिनाते हुए कहा मैं यह पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा और छोड़ेगा भी नहीं कुछ तो बात होगी कि गांधी परिवार मुझ पर विश्वास करता है।
तो वहीं जब उनसे बड़ी संख्या में टिकट कटने को लेकर सवाल पूछा गया तो सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोई एंटी इनकमबेंसी नहीं है, मुख्यमंत्री पर कोई आरोप नहीं है,विधायकों से थोड़ी नाराजगी है। भ्रष्टाचार के आरोप है लेकिन टिकट तभी काटे जाते हैं जब कोई विकल्प होता है।
उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी विपक्षी दलों के खिलाफ छापे मारे जा रहे हैं,राहुल गांधी से ईडी ने पूछताछ की तब ईडी,इनकम टैक्स और सीबीआई निदेशक से मिलने का मैंने वक्त मांगा था इन संस्थाओं की प्रतिष्ठा है इन पर भरोसा कम हुआ तो देश का ही नुकसान होगा।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि ईडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जल्दी ही फैसला होना चाहिए क्योंकि जहां चुनाव आते हैं वहां ईडी पहले पहुंचती है इसी वजह से ईडी की विश्वसनीयता खत्म हो रही है। सही कार्रवाई हो तो स्वागत लेकिन इशारों पर कार्रवाई होती है। ‘ईडी वाले कहतें है हम आधे घंटे में आने वाले हैं आप देख लीजिए’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जांच एजेंसीयों के अधिकारियों की जिम्मेदारी देश के प्रति होनी चाहिए इसके अलावा उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान ईडी ने दस सालों में 112 छापे मारे और एनडीए के नौ सालों में तीन हजार दस छापे मारे गए, यूपीए के दौरान 93 फीसदी दर्ज हुई जबकि एनडीए के वक्त केवल 29 फीसदी पेश हुए।
उन्होंने कहा कि देश बेबस है प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने का वक्त नहीं मिला राजस्थान में संजीवनी घोटाला हुआ इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आरोपी है लेकिन मामले में ईडी जांच नहीं कर रही है इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी की भाषण कि कला तो सभी जानते हैं। एनसीपी पर सवाल उठाते थे वह पार्टी अजीत पवार के नेतृत्व से बीजेपी से मिल गई आरोप लगने के बाद कोई बीजेपी के साथ मिल जाए तो वाशिंग मशीन में धूल जाते हैं। आचार संहिता के बाद छापे मारने की क्या जरूरत है कार्रवाई तो बाद में भी हो सकती है कोई भागा तो नहीं जा रहा है। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह विपक्ष को अपना दुश्मन मानते हैं लेकिन उन्हें वक्त आने पर जनता सबक सिखाएगी।
इसके साथ ही पार्टी आलाकमान को परोक्ष रूप से संदेश देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि जब मेरी सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी तब विधायकों को 10 करोड रुपए का ऑफर था अगर मेरे विधायक भ्रष्ट होते तो पैसे लेते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कि जब मेरी सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी।