उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पिछले साल वेटिकन सिटी की यात्रा पर गए थे,उनके साथ इस यात्रा में एक महिला भी थी और विपक्ष इस महिला को लेकर सवाल उठा रहा है।
तो वहीं विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए नवीन पटनायक ने विधानसभा में बयान दिया कि इस महिला का नाम श्रद्धा है और वह उनकी फिजियोथैरेपिस्ट है।
उड़ीसा के मॉनसून सत्र के खत्म होने से पहले विधानसभा में सीएम नवीन पटनायक ने विपक्ष के तमाम सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह मेरी फिजियोथैरेपिस्ट है और उनका नाम श्रद्धा है,उन्होंने कहा कि श्रद्धा को उनकी बहन गीता मेहता ने उनकी शारीरिक फिटनेस का ख्याल रखने के लिए साथ भेजा था लेकिन ना ही श्रद्धा को कोई सरकारी आवास दिया गया है और ना ही उनकी यात्रा का खर्च ओडिशा सरकार ने उठाया है।
तो आपको यह भी बता दें कि गीता मेहता मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन का नाम है और उनका पिछले महीने निधन हुआ था वह एक प्रसिद्ध लेखिका थी।
विधानसभा में बोलते हुए सीएम पटनायक ने यह भी कहा कि हमें सदन के बहुमूल्य समय का उपयोग जनता के हितों की बात करने में करना चाहिए।
गौरतलब है की राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने पिछले साल जून में वेटिकन सिटी में सीएम पटनायक यात्रा की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद इस मुद्दे को उठाया था। भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर दोनों ही जगह इस मुद्दे को उठाया था।
तो वहीं इससे पहले विपक्ष के नेता जय नारायण मिश्रा ने भी विधानसभा में मुद्दा उठाया था लेकिन सदन में हंगामें की वजह से उनका बयान दर्ज नहीं हो पाया उन्होंने कहा था कि श्रद्धा कौन है और आरोप लगाया था कि उन्हें सरकारी आवास आवंटित किया गया है
नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्र ने आरोप लगाया था कि 22 जून 2022 को पोप फ्रांसिस का आशीर्वाद लेने के लिए सीएम पटनायक की वेटिकन सिटी यात्रा के दौरान श्रद्धा उनके साथ थी,सीएम के आधिकारिक तौर से अपने निजी सचिव सी के पांडियन के साथ गए थे वह विश्व खाद्य कार्यक्रम के निमंत्रण पार्टी में थे।
तो वहीं उड़ीसा की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने तब इस मुद्दे को उठाया जब श्रद्धा की तरफ से पोप को बधाई देने वाली तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
कालाहांडी के बीजेपी सांसद बसंत पांडा और भुवनेश्वर की संसद अपराजिता सारंगी ने भी इस ‘रहस्यमयी महिला’ के बारे में सवाल उठाए थे,
बीजेपी सांसद सारंगी ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ‘वह नर्स या थैरेपिस्ट हो सकती है, अगर यह सच होता तो, यह और भी चिंताजनक है और एक महत्वपूर्ण प्रदेश के सीएम को निजी और गुप्त इलाज के लिए नहीं छोड़ा जा सकता, है ‘इस थैरेपिस्ट का सिलेक्शन किसने किया, इस तरह की थेरेपी चल रही है,।
अब देखना होगा कि ओडिशा में विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है,सीएम नवीन पटनायक की तरफ से जवाब भी आया है लेकिन अब उनके इस जवाब के बाद विपक्ष की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आएगी इसका इंतजार रहेगा।