2024 में लोकसभा चुनाव के बाद ही विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में वो राज्य जहां विधानसभा चुनाव होने है उसे लेकर राज्य अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं। तो वहीं मध्य प्रदेश की बात की जाए तो कांग्रेस विधानसभा चुनाव की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगी हुई है। पार्टी विंध्य क्षेत्र पर अपना फोकस ज्यादा कर रही है ताकि वहां पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सके। कांग्रेस इस बार मध्य प्रदेश में पूरा बहुमत हासिल करना चाहती है और राहुल गांधी इस बार डेढ़ सौ सीटें जीतने का दावा भी कर चुके हैं। अब इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कमजोर विधानसभा क्षेत्र में अपना प्रदर्शन सुधारने की पुरजोर कोशिश में लग गई है। साल 2018 की बात की जाए तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है पर विंध्य क्षेत्र की तमाम कोशिशें के बावजूद भी कांग्रेस वहां बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का फोकस विंध्य क्षेत्र को लेकर ज्यादा है। पार्टी ने विंध्य क्षेत्र की सभी 30 सीट पर पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं और इन्हें सामाजिक और जातीय समीकरण बनाने के साथ ही क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साल 2003 से पहले ये क्षेत्र कांग्रेस की ताकत हुआ करता था पर अब यह बीजेपी का गढ़ है। कांग्रेस के पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा था कि हमारे कार्यकर्ताओं ने विंध्य क्षेत्र में मेहनत की होती तो ज्यादा सीटें आती और सरकार नहीं गिरती। साल 2018 चुनाव में पार्टी को 114 सीटें मिली थी और यही कारण था कि पार्टी इस बार विंध्य क्षेत्र पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रही है।
विंध्य क्षेत्र में तीस विधानसभा सीटें हैं साल 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 24 सीटों पर जीत हासिल हुई थी कांग्रेस के खाते में 5 और अन्य के खाते में एक सीट गई थी तो वही साल 2013 में विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस के पास 11, बीजेपी 17 और अन्य के खाते में दो सीटें गई। देखा जाए तो पिछले चार चुनाव में इस क्षेत्र में अधिकतम 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हुआ।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस का फोकस विंध्य क्षेत्र पर—
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