मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस अपना दस साल पुराना प्रदर्शन दोहराने के लिए विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेगी तो वही पार्टी यह भी मान रही है कि मौजूदा प्रदेश सरकार लोगों की भावनाओं को पूरा करने में विफल रही है कुछ महीने पहले हुए जिला परिषदों के चुनाव में बीजेपी की जितने प्रदेश कांग्रेस सरकार की चिंता बढ़ा दी है तभी तो प्रदेश कांग्रेस के रणनीतिकार यह मानते हैं कि स्थानीय निकाय के परिणाम के बाद विधानसभा चुनाव पर बहुत गहरा असर पड़ेगा स्थानीय निकाय चुनाव में मुद्दे बिलकुल अलग होते हैं पार्टी क्षेत्र दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी ग्राम परिषद के चुनाव में बीजेपी ने 99 में से 41 सीटों पर कब्जा किया था कांग्रेस ने दो स्थानीय दलों पीसी यानी कि पीपुल्स कांफ्रेंस और जोरम नेशनलिस्ट पार्टी के साथ मिजोरम सेकुलर अलायंस एमएसए का गठन किया है। पार्टी के भीतर से जो खबरें है उसके मुताबिक इन दोनों पार्टियों के अलावा दूसरे दलों के साथ भी गठबंधन की चर्चाएं चल रही है। इसलिए उम्मीद ये हैं की गठबंधन में कई और पार्टियों भी शामिल हो सकती है और प्रदेश स्तर पर पार्टी समर्थन हासिल करने के लिए समाज के अलग-अलग वर्ग और हिस्सों से जुड़े लोगों को साथ लाने की कोशिश में जुट गई है तो वही प्रदेश के मुख्य सचिव पद से रिटायर लालनुनमाविया समेत कई को पार्टी में शामिल किया है।
2018 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की बात की जाए तो कुल सीटें 40कांग्रेस 29. 98 फ़ीसदी, चार सीटें एमएफ 37.5 70 फ़ीसदी, 27 बीजेपी 8.2 फ़ीसदी, एक निर्दलीय 22.94
तो वहीं विधानसभा चुनाव 2013 की बात की जाए कुल सीटें 40 कांग्रेस 44.63, 4 एमएफ 28.65, बीजेपी 00.37फीसदी, 00 निर्दलीय 06.15 फ़ीसदी एक।
अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने की तैयारी में कांग्रेस—
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