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कांग्रेस विधायक ने किया बीकानेर में बहु उद्देश्य भवन का उदघाटन , मणीपुर और बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए जताई चिंता

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रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने रेवाड़ी विधानसभा के गांव बीकानेर में हरियाणा ग्रामीण विकास योजना के तहत बहु उद्देश्य भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर संबंधित अधिकारियों का उनका निवारण करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने विधायक का आभार जताते हुए फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।

इस मौके पर विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि सरकार की ओर से उनकी विधानसभा को जो भी ग्रांट मिलती है , उसमें उनकी कोशिश रहती है, कि उस ग्रांट को अधिकारी जल्द से जल्द लगवाकर काम को पूरा कराएं। विधायक ने कहा कि इस योजना के तहत अभी तक जो भी ग्रांट मिली है , उससे बहुत से शिलान्यास व उदघाटन कर चुके है और आगे भी ग्रांट लेकर वे काम कराते रहेंगे। चिरंजीव राव ने मणीपुर में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि दो महिलाओं की वायरल हो रही वीडियो देखकर उन्हें दुख हुआ है। ऐसी वीडियो से देश का सिर शर्म से झुक गया है।

संसद के मानसून सत्र में सरकार को इस घटना पर चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना ने सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे की पोल खोल कर रख दी है। कहना गलत नहीं होगा कि आज देश में बेटियां बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। मणीपुर में लंबे समय से हिंसक घटनाएं हो रही है। करीब डेढ़ सौ लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं पर एक शब्द भी नहीं बोला। वह विदेश की यात्रा करने में मशगूल है तथा एनडीए के सभी दलों को एकत्रित करने में लगे हुए है ।

मणीपुर के लिए उनके पास समय ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते मणीपुर पर संज्ञान नहीं लिया गया तो देश की बेटियां इसी तरह शर्मसार होती रहेगी। हरियाणा के 12 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किए जाने पर विधायक ने कहा कि इस बात से प्रमाणित होता है कि सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि पानी की निकासी के उचित प्रबंध नहीं किए गए और लोगों को इस तरह परेशान करने के लिए जानबूझ कर छोड़ दिया गया। बाढ़ के कारण प्रदेशवासियों को जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने बाढ़ से बर्बाद फसल पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपये के मुआवजा को ऊंट के मुंह में जीरा के समान बताते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने वाली सरकार भूल रही है कि महंगाई के इस दौर में यह राशि कुछ भी नहीं है। सरकार को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा पीड़ित किसानों को देना चाहिए।

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