छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आने वाले चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है, कोई कोर कसर उसकी तरफ से बाकी नहीं रखना चाहती है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और वह चाहती है कि सत्ता वापसी उसी की हो। कांग्रेस अनुसूचित जाति वाली सीटों पर अलग से रणनीति बनाने में भी जुट गई है ताकि चुनाव से पहले गुरुबालदास के बीजेपी में शामिल होने के असर को कम भी किया जा सके। सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर असर रखते हैं, प्रदेश कांग्रेस रणनीतिकार का यह मानना है कि गुरु बालदास का समाज पर अब पहले जैसा असर तो नहीं रहा है लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने सीधे सतनामी समाज तक पहुंचने की कोशिश की है और समाज के लिए अलग से कई विशेष योजनाओं का प्रावधान भी रखा है उन्होंने सरकार की दूसरी योजनाओं के साथ उसे जोड़ा भी है
ऐसे में गुरु बालदास के बीजेपी में शामिल होने से खास प्रभाव तो नहीं पड़ेगा ऐसा सीएम भूपेश बघेल मानते हैं हालांकि कांग्रेस के जो अनुभवी नेता है उनका कहना है कि हम अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए चुनाव में उतरेंगे साल 2018 की कांग्रेस ने एससी के लिए आरक्षित दस में से सात सीटें जीती थी,
छत्तीसगढ़ की 90 में से 20 सीटों पर सतनामी समाज का असर है, इनमें से दस सीट आरक्षित है साल 2013 विधानसभा चुनाव में गुरु बालदास ने राजनीतिक पार्टी का गठन किया था और 21 सीट पर चुनाव भी लड़ा था गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने एसी के लिए आरक्षित दस में से सिर्फ दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे गुरु बालदास की पार्टी चुनाव में कोई सीट नहीं जीत पाई थी। गुरु बालदास के पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने से कांग्रेस वोट का विभाजन तो हुआ और इसका फायदा बीजेपी को मिला था बीजेपी एससी के लिए आरक्षित 10 में से 9 सीट जीतने में सफल रही थी लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ मतभेदों के बाद गुरु बालदास ने कांग्रेस ने दामन थाम लिया था साल 2018 में कांग्रेस को इसका फायदा मिला और पार्टी ने एससी के लिए आरक्षित 10 में से सात सीटों पर कब्जा भी किया।
हालांकि इस बार कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की बात कह रही है क्योंकि अब गुरु बालदास भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उनके शामिल होने के बाद पार्टी ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अपनी रणनीति में बदलाव किया है पार्टी के अंदर खाने से खबरें ऐसी है कि पार्टी सतनामी समाज का भरोसा जीतने की पूरी कोशिश कर रही है ताकि चुनाव में सतनामी समाज के गुरु बाल दास के असर को कम किया जा सके।