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सुंदरबन की वनस्पति में छिपे राजसी बंगाल टाइगर की गिनती 27 नवंबर से शुरू

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पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में बाघों की सालाना गणना 27 नवंबर से शुरू होगी। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बाघों की गणना देशभर के बाघ वाले राज्यों में चल रहे अखिल भारतीय बाघ गणना का हिस्सा है।

उन्होंने बताया कि पहले चरण में सुंदरबन टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के जंगलों में और दक्षिण 24 परगना जिले के कुछ हिस्सों में एक महीने से ज्यादा समय तक कैमरा ट्रैपिंग की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिले के कुछ अन्य आस-पास के इलाकों में दूसरे चरण में कैमरा ट्रैपिंग की जाएगी।

करीब 40 वन कर्मी और कुछ स्थानीय लोग इस गणना में शामिल होंगे और उन्हें कैमरा टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और उनसे डेटा कैसे हासिल किया जाए, इसके बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

बड़ी बिल्लियों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए लगभग 1,500 कैमरे 720 रणनीतिक बिंदुओं पर लगाए गए हैं।

पिछली गणना के मुताबिक, सुंदरबन में 101 बाघ हैं, जिनमें से 20 एसटीआर के बाहर सुंदरबन टाइगर रिजर्व के आस-पास के इलाकों में हैं। पश्चिम बंगाल का सुंदरबन एसटीआर और दक्षिण 24 परगना वन प्रभाग के बीच बंटा हुआ है।

अधिकारी ने बताया कि बाघों की गणना से उनकी संख्या, आवास और संरक्षण स्थिति का पता चल सकेगा। इससे वन विभाग को बाघों के संरक्षण के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।

सुंदरबन में बाघों की गणना के मुख्य बिंदु:

  • बाघों की गणना 27 नवंबर से शुरू होगी और एक महीने से ज्यादा समय तक चलेगी।
  • गणना में लगभग 1,500 कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • गणना में 40 वन कर्मी और कुछ स्थानीय लोग शामिल होंगे।
  • गणना का उद्देश्य बाघों की संख्या, आवास और संरक्षण स्थिति का पता लगाना है।

सुंदरबन में बाघों का महत्व:

  • सुंदरबन दुनिया की सबसे बड़ी बाघ आबादी में से एक है।
  • बाघ सुंदरबन के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • बाघों का संरक्षण सुंदरबन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी है।

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