G20 समिट के दौरान तीन दिनों में दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर साइबर अटैक हुआ।
ऐसा बताया जा रहा है कि साइबर हमले कुछ घंटे के अंदर ही हुए और हर बार दिल्ली पुलिस के आधिकारिक साइट लगभग 10 से 30 मिनट के लिए अस्थाई तौर से पहुंच के बाहर रही।
इस पूरे मामले में पुलिस की तरफ से बताया गया कि अज्ञात हैकर्स के एक ग्रुप ने जो खुद को ‘Team Insane PK’ कहते हैं ने वेबसाइट पर कई बार हमला किया, सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान मुंबई पुलिस समेत कई सरकारी वेबसाइटों पर भी साइबर हमले की खबरें है,जिसके बाद ऐसे हमलों को रोकने और वेबसाइटों के कामों को बहाल करने के लिए गृह मंत्रालय स्तर की एक टीम सक्रिय की गई।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह हैकर्स पाकिस्तान बेस्ड है और दो तरीकों से वेबसाइट को निशाना बना रहे हैं। डिसटीब्युटेड डेनियल आफ सर्विसेज हमले जिसमें स्रोत वेबसाइट को डाउन करने के लिए कई सर्वरों का यूज किया जाता है। दूसरा विध्वंसक हमले होते हैं पुलिस के मुताबिक हैकर्स ने पहले तरीके का इस्तेमाल किया।
दिल्ली पुलिस की साइट पर हमला किया इस दौरान साइट पर यह सेवा उपलब्ध नहीं है- का संदेश प्रदर्शित हो रहा था दिल्ली
पुलिस की तरफ से जो बताया गया–हमने शिखर सम्मेलन के दौरान कई हैकर्स का पता लगाया था हमारी टीमों ने होम मिनिस्ट्री लेवल के अधिकारियों के साथ काम किया और मिनट में पूरी तरह से वेबसाइट सफलतापूर्वक बहाल हो गई यह पता चला था कि दिल्ली पुलिस और हमारे देश को बदनाम करने के लिए एक साइबर आतंकी हमला था। क्योंकि हम जी-20 की मेजबानी कर रहे थे।
ऐसे मामलों में आमतौर पर अपने सर्वर निकाल लेते हैं और सिस्टम बंद कर देते हैं फिर वायरस को खत्म कर पूरे पोर्टल को बहाल किया जाता है।
अधिकारियों के मुताबिक उनकी कोशिशें के बावजूद फायरवॉल पर फिर से हमला किया गया पुलिस ने यह भी बताया कि सभी नागरिक और पुलिस सेवाएं बंद कर दी गई और महत्वपूर्ण डाटा तक हैकर्स पहुंच गए दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर नागरिकों, पुलिसकर्मियों, यातायात, पुलिस आर्थिक अपराध शाखा आदि के लिए कई पोर्टल है,
जिनमें नागरिक पोर्टल में एफआईआर शिकायतें, चोरी एफआईआर आरटीआई जानकारी और अज्ञात व्यक्तियों के बारे में डाटा होता है,इसके अलावा पाए गए और लावारिस वाहनों की लिस्ट पुलिस सेवाओं में जितने डोजियर एफएल अदालत ही फैसला जैसे आदेश भी शामिल होते हैं।
पुलिस के मुताबिक हैकर्स की पहचान करने की कोशिश जारी है और जांच भी की जा रही है मामले को डीआरडीओ और सीईआरटीइन के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया गया है। वह आगे के हमले रोकने के लिए काम कर रहे हैं। क्योंकि दूसरी सरकारी सीटों को भी निशाना बनाया गया है।