संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की थी। जिस दौरान कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए विपक्ष की ओर से लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों को निलंबित भी कर दिया गया। इस दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर की गई मिमिक्री ने विवाद को हवा दे दी थी, जिसके बाद से यह मामला और गरमा गया। वहीं अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस मामले पर पार्टी का रूख स्पष्ट किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राज्यसभा के सभापति की ओर से 2-3 पत्र लिखे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से इन सभी पत्रों का जवाब भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक सोमवार को सभापति से मिलने का सवाल है तो वे आज नहीं मिल पाएंगे, वे अगले 2-3 दिनों में सभापति से मुलाकात करेंगे। क्योंकि वे दिल्ली से बाहर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई सत्ता पक्ष के खिलाफ है ना कि सभापति के खिलाफ। सभापति और स्पीकर संवैधानिक प्राधिकारी हैं और हम उनका पूरा सम्मान करते हैं।
‘सरकार को मन बनाना होगा’
उन्होंने कहा कि सरकार को मन बनाना होगा वो सदन चलाना चाहते हैं या नहीं। विपक्ष को वे मौका देना चाहते हैं या नहीं यह असली मुद्दा है। हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी को सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर बयान देना चाहिए जबकि वह सदन को नजरंदाज करके बाहर वक्तव्य दे रहे हैं। वह 13 दिसंबर को हुए संसद कांड पर जवाब देने से लगातार बच रहे हैं।
‘पीड़ित जानता है, अंदर से कैसे झेलना है’
वहीं दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को एक समारोह के दौरान कहा था कि ”मैं पीड़ित हूं। पीड़ित जानता है कि अंदर से कैसे झेलना है। हम भारत माता की सेवा में हैं सभी अपमान, सभी अनादर को झेल लें। आपको ईमानदारी और उच्च मानक दिखाने होंगे।” धनखड़ परोक्ष रूप से उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जहां लोकसभा के एक विपक्षी सदस्य ने संसद के नए भवन की सीढ़ियों पर उनकी नकल की थी।