पांच दिवसीय संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने के बाद नई संसद भवन में आज से कामकाज की शुरुआत हुई और नई संसद के पहले ही दिन लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल पेश किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया है] कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा सदन पटल पर नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश किया।
आपको बता दें कि इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा और देश की अन्य विधानसभाओं में देश की आधी आबादी यानी हर तीसरी सांसद महिला होगी।
यह बिल लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं के लिए पेश किया गया है, इस बिल के मुताबिक 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। बिल के पास होने के बाद लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें रिजर्व हो जाएंगी, मौजूदा वक्त में लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सिर्फ 82 है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के मुताबिक दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा,इसके मुताबिक दिल्ली में महिलाओं के लिए 23 सीटें आरक्षित होंगी।
इस बिल के मुताबिक एससी-एसटी महिलाओं को कोटे में आरक्षण दिया जाएगा, देश में मौजूदा वक्त में रिजर्व सीटों की संख्या 84 एससी और 47 एसटी है अब एससी समुदाय के लिए रिजर्व सीटों में से 28 सीटें जबकि एसटी समुदाय के लिए रिजर्व सीटों में से 16 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
महिला आरक्षण बिल 15 साल के लिए होगा,इसके बाद सरकार को महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा।
नई संसद में पहले दिन की कार्यवाही में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है,उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले भी कई बार संसद में पेश किया जा चुका है लेकिन महिलाओं को अधिकार देने, उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस काम के लिए ईश्वर ने मुझे चुना है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माता, बहनों और बेटियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं और आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।