पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने तुष्टिकरण के कारण ‘शब-ए-बारात’ पर छुट्टी की घोषणा की है, लेकिन मकर संक्रांति और रामनवमी पर नहीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके एक पोस्ट में कहा गया है कि इसके लिए कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है।”
पाकिस्तान का कैलेंडर साझा किया
बीजेपी नेता ने कहा कि इस बार शब-ए-बारात रविवार को मनाई जा रही है और सोमवार को छुट्टी चुनने का कोई अतिरिक्त विकल्प नहीं है। इसके बावजूद शब-ए-बारात को ऐच्छिक अवकाश की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति और रामनवमी पर कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है। अधिकारी ने अपने पोस्ट में पश्चिम बंगाल और पाकिस्तान के सरकारी कैलेंडर भी शेयर किए हैं।
टीएमसी ने दिया जवाब
शुभेंदु अधिकारी के आरोपों पर टीएमसी प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने प्रतिक्रिया दी है। मजूमदार ने कहा, “भारत में कई धार्मिक रीति-रिवाज हैं। सभी राज्यों में सभी रीति-रिवाज एक ही तरह से नहीं मनाए जाते हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ के दौरान छुट्टी घोषित की जाती है, लेकिन लेकिन अन्य राज्यों में छठ की छुट्टी नहीं होती है।”
‘शुभेंदु अधिकारी को रीति-रिवाजों का ज्ञान है कम’
द इंडिया एक्सप्रेस के मुताबिक मजूमदार ने पूछा कि क्या ये तुष्टिकरण की राजनीति है? शुभेंदु अधिकारी ने धार्मिक रीति-रिवाजों की जानकारी न होने के कारण ऐसा कहा है। इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।