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ट्रेन सुरक्षा में सुधार: पिछले 10 सालों में आई भारी गिरावट

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रेल मंत्रालय ने हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के माध्यम से यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है। 2004 से 2014 के बीच औसतन हर साल 171 ट्रेन दुर्घटनाएं होती थीं, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 68 दुर्घटनाएं प्रति वर्ष हो गई है। मंत्रालय का कहना है कि यह गिरावट रेलवे द्वारा अपनाए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों और तकनीकी सुधारों का परिणाम है।

कम हुई मौतों और घायलों की संख्या

रेल मंत्रालय के अनुसार, 2004 से 2014 तक की अवधि में रेल दुर्घटनाओं में कुल 904 लोगों की मौत हुई थी, और 3155 लोग घायल हुए थे। यह आंकड़े अत्यधिक चिंताजनक थे। हालांकि, 2014 से 2024 तक की अवधि में यह संख्या काफी कम हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि इस दशक में कुल 748 मौतें और 2087 घायल हुए हैं। आंकड़ों से स्पष्ट है कि पिछले 10 वर्षों में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों और घायलों की संख्या में 60% तक की कमी आई है।

सुरक्षा उपायों में सुधार

रेल मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह कमी विभिन्न सुरक्षा उपायों और तकनीकी सुधारों के कारण संभव हो पाई है। रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. मॉडर्नाइजेशन और अपग्रेडेशन: रेलवे नेटवर्क की मॉडर्नाइजेशन की प्रक्रिया तेज की गई है, जिसमें पुराने ट्रेनों और ट्रैक की जगह नए और सुरक्षित विकल्प अपनाए गए हैं।
  2. ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम का सुधार: रेलवे ने ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया है, जिससे दुर्घटनाओं के होने के अवसर कम हुए हैं। स्मार्ट सिग्नलिंग और ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से ट्रेन की गति और मार्ग पर पूरी निगरानी रखी जाती है।
  3. ऑटोमेटेड ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (ATP): रेलवे ने ऑटोमेटेड ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम को लागू किया है, जो ट्रेन के चालक को सुरक्षा मानकों से हटने पर तुरंत अलर्ट करता है और ट्रैन को सुरक्षित तरीके से रोकता है।
  4. कर्मचारियों का प्रशिक्षण: रेलवे कर्मचारियों को ट्रेन संचालन और सुरक्षा प्रक्रियाओं में अत्यधिक प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें दुर्घटनाओं की रोकथाम, आपातकालीन स्थितियों में कार्रवाई और यात्री सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है।
  5. स्टेशन सुरक्षा: रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा निगरानी बढ़ाई गई है। सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और त्वरित सुरक्षा उपायों की मदद से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

भविष्य में और सुधार की उम्मीद

रेल मंत्रालय का मानना है कि आने वाले वर्षों में और अधिक तकनीकी सुधार और सुरक्षा उपायों को लागू करके रेल दुर्घटनाओं में और भी कमी लाई जा सकती है। मंत्रालय लगातार इस दिशा में काम कर रहा है और नए सुधारों की योजना बना रहा है, जिनमें प्रमुख हैं:

  • उन्नत ट्रेन कण्ट्रोल सिस्टम: जिससे दुर्घटनाओं को और भी कम किया जा सके।
  • फायर और दुर्घटना प्रबंधन के नए तरीके: जिससे ट्रेन दुर्घटनाओं के दौरान समय पर मदद मिल सके।
  • यात्री सुरक्षा जागरूकता अभियान: ताकि यात्रियों को सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय रेलवे ने अपने यात्री सुरक्षा के प्रयासों में उल्लेखनीय सुधार किया है। सुरक्षा उपायों में निरंतर सुधार और तकनीकी उन्नति के परिणामस्वरूप, ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। मंत्रालय का उद्देश्य आने वाले वर्षों में इन सुधारों को और भी अधिक बढ़ाना है, ताकि रेलवे नेटवर्क को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके और यात्रियों को एक सुरक्षित यात्रा का अनुभव दिया जा सके।

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