मणिपुर पर चल रहे संसद में हंगामे के बीच लोकसभा से जन विश्वास बिल पास हो गया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल के जरिए कारोबारियों को राहत देने की तैयारी है। इस बिल की चलते कई अधिनियमों में बदलाव होगा और इसके साथ ही छोटी गड़बड़ी के मामलों में अपराध की सजा को कम कर दिया जाएगा। यानी कि जिन गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी में पहले रखा गया था, अब उन्हें केवल जुर्माने तक ही सीमित किया जाएगा। ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इस बिल को बेहद अहम माना जा रहा है।
संसदीय समीतियों ने दिए थे सुझाव
पिछले साल 2022 में लोकसभा में जन विश्वास बिल को मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया था। जिसके बाद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को इसे भेज दिया गया था। वहीं कई मंत्रालयों और कानूनी मामलों के विभागों से भी इस बिल को लेकर चर्चा हुई थी। इसके अलावा संसदीय समिति ने इसपर सरकार से कहा था कि इसमें संशोधन करने की जरूरत है और कई चीजों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाना चाहिए। जिससे कोर्ट में पहले से लंबित पड़े मामलों में कमी आए।
सजा की जगह वसूला जाएगा जुर्माना
19 मंत्रालयों से जुड़े करीब 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव इस बिल के जरिए संसदीय समिति ने दिया था। जिनमें वित्त मंत्रालय से लेकर कृषि, सड़क परिवहन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और अन्य कई मंत्रालय आदि शामिल हैं। इन मंत्रालयों के तहत आने वाले कई अपराधों को इस बिल के जरिए अपराध की श्रेणी से हटाकर जुर्माने तक ही सीमित कर दिया जाएगा। इससे कोर्ट-कचहरी की झंझट से तो मुक्ति मिलेगीही , वहीं इसके साथ ही व्यापार करना भी आसान हो जाएगा।
लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी जन विश्वास बिल को पेश किया जाएगा। इसी मानसून सत्र में सरकार इसे पास करना चाहती है। बिल के जरिए जिन अपराधों को जुर्माने में तब्दील किया जाएगा, पहले के मुकाबले उनमें अब जुर्माना कई गुना तक बढ़ा दिया जाएगा। यानी कि जिस अपराध में पहले तीन साल की सजा और 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगता था, अब उसमें 8 लाख रुपए तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। इसी तरह इस बिल में बाकी अपराधों को लेकर भी लाखों रुपए तक के जुर्माने का अब प्रावधान रखा गया है।