Tuesday, March 11, 2025
22.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeIndiaजानिए, कैसे माता चंद्रघंटा को करें खुश

जानिए, कैसे माता चंद्रघंटा को करें खुश

Google News
Google News

- Advertisement -

देश रोज़ाना: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह माँ का प्रत्यय स्वरूप है। नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों का वध करने वाला कहा जाता है। मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल तलवार और गदा रखी हुई है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है इसी के कारण मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा। मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, धूप और पुष्प अर्पित करते हैं। मां को दूध से बना हुआ मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। नवरात्र के हर दिन नियम अनुसार दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी अति उत्तम माना गया है।

मां चंद्रघंटा को शांति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है मां की सवारी शेर है। माता के दस हाथ है,जिसमें कमल और कमंडल अस्त्र-शस्त्र सुसज्जित है। भक्तों के लिए मां का यह रूप सौम्य और शांत है। मां चंद्रघंटा सफेद कमल, लाल फूल और पीले गुलाब के फूल या माला अर्पित करें। मां चंद्रघंटा स्तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है। ज्योतिष के अनुसार इनका संबंध मंगल ग्रह से माना गया है। माता में ब्रह्मा विष्णु और महेश त्रिदेवों की शक्तियां समाहित होती है। मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संघर्ष के लिए अवतार लिया था मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल और नारंगी रंग का प्रयोग किया जाता है मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। माता रानी को लाल चंदन लाल चुनरी लाल फल लाल फूल अर्पित करें।

छोटे लाल वस्त्र में लौंग पान सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं और देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें। मां चंद्र घंटा के बीज मंत्र का भी जप किया जाता है। अगले दिन इस लाल पोटली को सुरक्षित स्थान पर रखें। यह लाल पोटली किसी भी शुभ कार्य या कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों में साथ रखें। इससे सफलता मिलती है। मां की पूजा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। शत्रुकेवल परास्‍त होते है। मां चंद्रघंटा की पूजा उपासना के उपरांत दूध का दान दिया जाता है

यह खबर केवल जानकारी के लिए प्रकाशित की जा रही है। देश रोज़ाना का उदेश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचना या अंधविश्वास फैलाना नहीं है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

छोटी मुसीबत को किसान ने बड़ी समझा

बोधिवृक्षअशोक मिश्रजब तक किसी समस्या का सामना न किया जाए, तब तक वह बहुत बड़ी लगती है। सामना किया जाए, तो लगता है कि...

मस्ती और ठिठोली का त्योहार होली।

डॉ. सत्यवान 'सौरभ'रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाने वाला यह जीवंत त्योहार, लोगों को एक-दूसरे पर ख़ुशी से रंगीन पाउडर और पानी...

Recent Comments