छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव से ज्यादा बड़ी चुनौती लोकसभा चुनाव की दिख रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता बरकरार रखने पर पूरा भरोसा है तो वहीं बीजेपी से सीधा मुकाबला के बावजूद पार्टी को यकीन है कि विधानसभा चुनाव में जीत पक्की करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है यही कारण है कि कांग्रेस विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव के लिए भी जमीन तैयार करने में जुट गई है। कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के कामकाज सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं को आधार बनाकर चुनाव मैदान में उतर रही है और कांग्रेस ने यही सोचा है कि वह सरकार के कामकाज के आधार पर ही लोगों से वोट मांगेगी उसे पूरा भरोसा भी है कि मतदाता एक बार फिर कांग्रेस की सुनिश्चित जीत पक्की करेंगे। प्रदेश में सरकार बरकरार रहने का चलन है। कांग्रेस नेता यही मानते हैं विधानसभा के मुकाबले लोकसभा चुनाव ज्यादा चुनौतीपूर्ण है कई आम चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बावजूद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। साल 2004 2009 और 2014 के आम चुनाव के वक्त प्रदेश में बीजेपी सरकार रही 2003 से 2018 तक रमन सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे इस दौरान हुए तीन लोकसभा चुनाव में बीजेपी लगातार 11 में से 10 सीट पर जीत का स्वाद ले चुकी है जबकि 2019 में उसे 9 सीट हासिल हुई। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है लेकिन वहां के नेताओं को यही लग रहा है कि पार्टी विधानसभा के साथ लोकसभा के लिए भी वोट मांग रही है और चुनावी विश्लेषक यही मानते हैं कि सीएम भूपेश बघेल की अगुवाई में प्रदेश सरकार के कामकाज से लोगों में कांग्रेस के प्रति भरोसा बढ़ा है और ऐसे में उम्मीद यही जताई जा रही है कि लोकसभा में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी।
आंकड़ों की बात की जाए साल 2004 कुल लोकसभा सीटें 11– बीजेपी 44 फ़ीसदी, कांग्रेस 39.4 फ़ीसदी, साल 2009 बीजेपी 45 फ़ीसदी, कॉन्ग्रेस 37.3 फ़ीसदी, साल 2014 बीजेपी 48.7 फ़ीसदी, कांग्रेस 47.4 फ़ीसदी, साल 2019 बीजेपी 50.7 फ़ीसदी, कांग्रेस 40.9 फ़ीसदी रहा।