महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदान के परिणामों को लेकर चुनावी सर्वेक्षण एजेंसियों ने अपनी भविष्यवाणियाँ प्रस्तुत की हैं। दो प्रमुख एजेंसियों, ‘एक्सिस माई इंडिया’ और ‘टुडेज चाणक्य’ ने महाराष्ट्र में महायुति (भा.ज.पा., शिवसेना और राकांपा का गठबंधन) को प्रचंड बहुमत मिलने की संभावना जताई है। इन एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुसार, महायुति को 175 से 200 सीटों के बीच सीटें मिल सकती हैं, जबकि महा विकास आघाडी (एमवीए) को 82 से 102 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
मतदान और एग्जिट पोल के आंकड़े
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर बुधवार, 21 नवंबर को मतदान हुआ। मतदान के बाद एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए, जिनमें अधिकतर पोल में महायुति की जीत का अनुमान था। ‘टुडेज चाणक्य’ द्वारा जारी एग्जिट पोल के अनुसार, महायुति को 175 सीटों के आसपास जीत मिल सकती है, जबकि एमवीए को केवल 100 सीटों तक सीमित रहने की संभावना है। वहीं, ‘एक्सिस माई इंडिया’ के एग्जिट पोल में महायुति को 178 से 200 सीटों तक जीतने का अनुमान जताया गया है।
विशेष रूप से, इस पोल में भाजपा को अकेले ही 100 सीटों तक पहुँचने का अनुमान जताया गया है, जो पार्टी की मजबूती को दर्शाता है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, महायुति का गठबंधन अपनी सत्ता को बनाए रखने में सफल होगा और महा विकास आघाडी को पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाएगा।
गठबंधन और मुकाबला
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठबंधन महायुति के नाम से जाना जाता है, जबकि विपक्षी दलों का गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के रूप में है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) शामिल हैं।
महायुति के अंदर भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिल सकती हैं, क्योंकि पार्टी का दावा है कि उसने अपने चुनावी वादों को लेकर लोगों में विश्वास जगाया है। भाजपा ने विकास, अच्छे शासन और राज्य की सुरक्षा जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी थी। वहीं, एमवीए के गठबंधन ने महा विकास आघाडी के तहत सरकार बनाने का वादा किया था, लेकिन एग्जिट पोल में उन्हें महायुति के मुकाबले बहुत कम सीटों की संभावना दिख रही है।
पार्टी और प्रत्याशी के मुद्दे
इस चुनाव में महायुति के प्रमुख दलों, भाजपा और शिवसेना ने राज्य के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने शासन की सफलता को प्रमुख मुद्दा बनाया था। भाजपा ने केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र के लिए दी गई योजनाओं और विकास कार्यों को प्रचारित किया था। वहीं, शिवसेना ने राज्य की राजनीति में अपनी स्वायत्तता और मुंबई की सुरक्षा को लेकर एक अलग रणनीति बनाई थी।
दूसरी ओर, एमवीए ने महाराष्ट्र के पारंपरिक मुद्दों को, जैसे किसान आंदोलन, रोजगार और रोजगार के अवसर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, आदि को अपनी प्राथमिकताएं बनाई थी। हालांकि, एग्जिट पोल में एमवीए को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पाया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों के आधार पर महायुति के सत्ता में वापसी की संभावना अधिक नजर आ रही है। भाजपा और शिवसेना के नेतृत्व वाले गठबंधन को बड़ी बहुमत मिलने का अनुमान है, जबकि महा विकास आघाडी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह आंकड़े अंततः मतदान परिणामों पर निर्भर करेंगे, और 23 नवंबर को राज्य के भविष्य का फैसला होगा।