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जी-20 समिट के घोषणा पत्र की बड़ी बातें–

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G20 समिट में भारत की सफलता की बड़ी खबर जो सामने आई है वो है जी-20 घोषणा पत्र को मंजूर कर लिया जाना।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि
अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली की-20 लीडर्स समिट के डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है।
प्रधानमंत्री जी जिस बात पर इतना खुश हो रहे हैं, क्या है उस घोषणा पत्र में जो भारत की कामयाबी को बताता है जानते हैं–
37 पेज के इस घोषणा पत्र में सभी तरह के आतंकवाद के प्रकारों की निंदा की गई है। इस शिखर सम्मेलन के शुरू होने से पहले ही सभी की निगाहें इसी पर थी की सभी सदस्य देश संयुक्त घोषणा पत्र पर राजी होंगे या नहीं
तो वहीं जी-20 घोषणा पत्र में रशिया का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया,इसमें यूक्रेन युद्ध लिखा है और कहां गया है कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में बाली में चर्चा को याद करते हुए हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए अपने राष्ट्रीय पदों और प्रस्तावों को दोहराया गया, इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि इस बात पर जोर दिया कि सभी राज्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांतों के अनुरूप काम करना चाहिए इसके अलावा परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
तो वहीं विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहां की जी-20 नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों अभिव्यक्तियों की निंदा की है और मन है कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।


इसके अलावा जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि रशिया- यूक्रेन मुद्दे पर विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने सहमति बनाने में भूमिका निभाई है भारत ने इंडोनेशिया ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर काम किया प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और अधिकारियों की कड़ी मेहनत से ही यह सब संभव हुआ है
इसके अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं जो प्रत्येक सदस्य के साथ मेल खाते हैं और सभी के लिए साझा रास्ते पेश करते हैं बड़े बेहतर और ज्यादा प्रभावी बहू पक्ष विकास बैंकों के लिए जी-20 में समझौता हुआ है, जी-20 मानता है की महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था इसके पहले की विश्व व्यवस्था से अलग होनी चाहिए।


विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि जी-20 घोषणा पत्र में परिवर्तन डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के साथ प्रौद्योगिकी की समावेशी भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है g20 ने भारत को पूरी दुनिया के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह हमारे लिए संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में g20 को स्थाई सदस्यता दी गई है।


इसके अलावा विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने यह भी बताया कि समिट में एक धरती एक परिवार और एक भविष्य पर जोर दिया गया है उनका कहना था कि देश के साथ शहरों में जी-20 की बैठक की हुई 37 पन्नों के घोषणा पत्र में यूक्रेन का चार बार जिक्र किया गया है जयशंकर ने कहा कि 2030 तक हम सतत विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे।


तो वहीं वित्त मंत्री श्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि समिति में किसी साड़ी की चुनौतियों पर चर्चा की गई इस दौरान वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर भी जोड़ दिया गया तो वहीं उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान क्रिप्टो के नियमन पर भी चर्चा हुई उनका कहना था कि इस बात पर चर्चा की गई की कोई भी देश पीछे ना छूटे इस दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर भी चर्चा हुई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह भी बताया कि हमने भू राजनीतिक तनाव की चुनौती पूर्ण वक्त में अध्यक्षता ग्रहण की है आज मैं विश्वास के साथ रहती हूं कि भारतीय जी-20 की अध्यक्षता ने बात को आगे बढ़ाया है वैश्विक समाधानों की हमारी इस खोज में किसी को भी पीछे नहीं रहना चाहिए।

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