मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव रखा गया। तीन दिन की बहस और चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने-अपने दांव पेंच खेलें। बात हुई, बवाल हुआ, बहस हुई, हंगामा हुआ और इन सब के बीच में मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से खारिज हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 2 घंटे 13 मिनट के भाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए 2024 का ट्रेलर पेश किया। मणिपुर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने बोला मणिपुर में शांति का सूर्य
शीघ्र उगेगा। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान कांग्रेस समेत अन्य दलों ने सदन से बहिर्गमन किया, मोदी ने विपक्ष के रवैए और आचरण की तीखी आलोचना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की विपक्ष की मंशा नीति और नीयत पर गंभीर सवाल खड़े करती है इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि 2024 में फिर भारी बहुमत से सत्ता में उनकी वापसी होगी।
हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा की कार्यवाही में हंगामे के बीच ही सदन में दो विधेयक पेश किए गए, जिसे ध्वनिमत से पारित कराया गया। विपक्ष नए नियम के तहत प्रधानमंत्री की मौजूदगी में चर्चा की मांग करने पर अड़ा रहा लेकिन सत्तापक्ष ने सहमति नहीं दी एकमत नहीं होने के चलते कार्यवाही को पहले 2:00 बजे तक स्थगित किया गया और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के बीच दो विधेयक पेश हुए, राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मलिकार्जुन खडगे की तरफ से कहा गया कि मोदी सरकार मणिपुर मुद्दे पर बातचीत नहीं करना चाहती है तो वही नेता सदन पीयूष गोयल की तरफ से कहा गया कि विपक्ष चर्चा के बाद प्रधानमंत्री का जवाब चाहता है जिस पर हमारी कोई सहमति नहीं हुई है मलिकार्जुन खडगे का कहना यह था कि विपक्ष चाहता है कि नियम 267 के तहत सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हो लेकिन सरकार टालती रहती है, उन्होंने कहा कि सरकार चाहती थी कि नियम 167 के तहत मणिपुर पर चर्चा हो विपक्ष ने भी स्वीकार किया है लेकिन सरकार अभी भी चर्चा को तैयार नहीं है।