कविता, देश रोजाना
डिजिटल दुनिया में सक्रिय धोखा एक आम बात है अतः किसी पर विश्वास व अंधविश्वास ना करते हुए स्वयं विवेकी होने से धोखाधड़ी से बच सकते हैं। सावधानी हेतु किसी भी अनजान व्यक्ति से जन्म तिथी व साल, ए.टी.एम. पिन नंबर, सी.वी.वी., ओ.टी.पी. की जानकारी साझा ना करें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ने घरों को साक्षर बनाया है परंतु यदि कोई भी एप्लीकेशन, वेबसाइट या सॉफ्टवेयर का उपयोग या डाउनलोड करने पर स्वीकृति मांगे तो सही से पढ़ कर ही स्वीकृति दें। अकसर हैकर गलत तरीके से स्वीकृति लेकर धोखाधड़ी से डिजिटल लेनदेन करते हैं। भारत में ऑनलाइन फ्रॉड प्रति व्यक्ति वित्तीय हानि लगभग ₹819000 है। पिछले वर्ष प्राइवेट बैंक्स के लगभग 32 लाख ए.टी.एम. कार्ड में गड़बड़ी की खबरें ज्ञात हुईं। ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जिला अध्यक्ष, भारतीय जैव विविधता संरक्षण सोसाइटी डॉ. मोनिका रघुवंशी एवं निदेशक, फॉस्टर भारतीय पर्यावरण सोसाइटी ललित नारायण आमेटा ने ऐसे मामलों में सावधान रहने को कहा और धोखाधड़ी हो जाने के बाद क्या करें? इस बात की जानकारी दी।
रिचार्ज का ऑफर, पैसे मिलने का ऑफर बताया जाए तो वहां पर निजी जानकारी या बैंक की जानकारी साझा ना करें। यह सिर्फ ऑनलाइन फ्रॉड करने का तरीका है। बुद्धिजीवी बात चातुर्य से षड्यंत्र में फसा देते हैं अतः किसी भी लघु तकनीक के बजाय कठिन परिश्रम के माध्यम से ही वित्तीय नियोजन पर ध्यान दें। लॉटरी प्राइस, ऑनलाइन कैश, फर्जी बैंक इत्यादि जैसे लुभावने मुद्दों में सावधानी से निर्णय लें। अनजान वेबसाइट पर लॉग इन सतर्कता से करें। व्यक्तिगत सूचना जैसे की के.वाई.सी., आधार कार्ड नंबर, ए.टी.एम. नंबर इत्यादि किसी से भी साझा ना करें। फिशिंग धोखाधड़ी एक आम तकनीक है जिसमें अनजान लिंक पर क्लिक कर जानकारी साझा ना करें। नौकरी का लालच देकर बड़े पैमाने पर लोगों को ठगा जा रहा है। अच्छी नौकरी का झांसा देकर उनसे व्यक्तिगत जानकारी एकत्रित कर, बाद में दुरुपयोग ऑनलाइन फ्रॉड के लिए किया जाता है। अतः नौकरी के मामले में भी कानूनी तौर पर कार्यवाही सतर्कता से करें।
ऑनलाइन सामान सदा प्रतिष्ठित कंपनियों से ही खरीदें तथा लालच के चक्कर में सस्ती कंपनियों के चक्कर में ना पड़े। कभी भी ऑनलाइन ऋण लेने की गलती ना करें क्योंकि उसके पीछे बहुत ही शातिर दिमाग के लोग फसाने के लिए होते हैं। यदि किसी नई वेबसाइट का उपयोग कर रहे हों और आशंका हो तो उस वेबसाइट के नाम के साथ घोटाले या समीक्षा शब्दों का उपयोग कर ऑनलाइन खोजें। इससे आपको उसकी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी अतः सतर्कता से आगे की कार्यवाही करें। सोशल मीडिया पर गलत मित्रों से बचें व सावधान रहें जो की अकसर फोटो या वीडियो स्कैमर होते हैं तथा ब्लैकमेल कर पेमेंट के लिए बाध्य कर देते हैं। अनजान हाइपरलिंक को क्लिक ना करें। गैर सरकारी क्रेडिट सोसाइटी में निवेश से बचें क्योंकि उनमें कानून की मदद लेना संभव नहीं है। 10 से कम या ज्यादा के अंक वाले नंबरों के कॉल अटेंड करने से बचें। मुफ्त वाई.फाई. व यू.पी.आई. एप्लीकेशन का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग कर हैकर्स आपके परिजनों की आवाज की कॉपी बनाकर कॉल करके आपसे पेमेंट करने का अनुरोध करते हैं। इस प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव हेतु स्वयं के परिजनों से एक बार बात करने के बाद ही लेन देन करें। सक्रिय एंटी वायरस व फायर वॉल का उपयोग करने से डाटा हैक और वायरस से बचा जा सकता है।
सरकारी प्रबंधक
- भारत सरकार ने डिजिटल फ्रॉड में मदद करने हेतु हेल्प लाइन नंबर 155260 तथा साइबर पोर्टल www.cybercrime.gov.in की व्यवस्था जनहित हेतु की है।
- ऑनलाइन ठगी के मामले की शिकायत भारत सरकार की हेल्प लाइन 1930 पर दर्ज करें ताकि दूसरों को भी हनी से बचा सके।
- आपातकालीन स्थिति में साइबर व अन्य अपराधों के लिए राष्ट्रीय हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करें।
- राष्ट्रीय पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112
- राष्ट्रीय महिला हेल्प लाइन नंबर 181
- ऑनलाईन फ्रॉड हो जाने पर बैंक को सूचित करें व उचित कार्रवाई कर ए.टी.एम. व खाते से पेमेंट इत्यादि ब्लॉक कर प्रशासनिक सेवाओं की मदद लें।
- ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने से खुद भी बचेंगे व दूसरों को भी बचाएंगे।
- सदैव सतर्क रह सामाजिक दृष्टिकोण से ऑनलाईन फ्रॉड में सजग प्रयास करें।