शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पूरे मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में सत्रह बैठकें हुई और पूरे सत्र में मणिपुर का मुद्दे पर हंगामा होता रहा और इस वजह बना से 50 घंटे और 21 मिनट का वक्त बर्बाद भी हुआ। 260 वे सत्र की समग्र उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। सभापति धनखड़ की तरफ से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में बताया गया कि मणिपुर मुद्दे पर सदन में गतिरोध कायम रहने के कारण कामकाज बाधित हुआ, इस पर उन्हें दुख है। उन्होंने कहा कि उनके हर संभव कोशिशें और सरकार की इच्छा के बावजूद भी मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा नहीं हो पाई। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि अगली बार सत्र ज्यादा उत्पादक होगा सभापति की तरफ से कहा गया कि सत्र के दौरान कुछ विधेयकों को पारित किया गया जिनमें जीवंत चर्चा हुई। सभापति की तरफ से कहा गया कि सत्र के दौरान राज्यसभा में सकारात्मक घटनाक्रम भी देखा गया सभापति ने कहा कि उन्होंने पीठासीन अध्यक्ष के पैनल में महिला सदस्य को उचित प्रतिनिधित्व देते हुए सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन में उनके प्रबंधन के कौशल का उपयोग करने की कोशिश की वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिका अर्जुन खडगे ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए नीरव मोदी शब्द का इस्तेमाल करने पर उनकी पार्टी के नेता अधिरंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन सही नहीं है क्योंकि नीरव का मतलब शांत होता है। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि अधिरंजन चौधरी को कमजोर आधार पर निलंबित किया गया, उन्होंने और मौन। सिर्फ ये कहने के लिए आप निलंबित कर रहे हैं,यह गलत है।
राज्यसभा की कार्यवाही अनिशिचत काल के लिए स्थगित
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