फिरोजपुर झिरका में गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर सड़क हादसों का कारण बन रहे ओवरलोड वाहनों पर बुधवार की रात एसडीएम डा. चिनार चहल ने कार्रवाई कर अवैध कार्य से जुड़े माफियाओं में हडकंप मचा दी है । एसडीएम ने अपनी कार्रवाई के दौरान कई ऐसे वाहनों की चैकिंग की जिनपर तय मात्रा से अधिक खनिज सामग्री लधी हुई थी। एसडीएम द्वारा पकड़े गए एक ओवरलोड डंपर का एक लाख चार हजार और माइनिंग पुलिस द्वारा लाखों रुपये का चालान कर वाहन को जब्त कर लिया गया है। प्रशासन की कार्रवाई से ओवरलोड चलाने वाले माफिया अंडरग्राउंड हो गए। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि क्षेत्र की सड़को पर ओवरलोड वाहनों को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि गुरुग्राम-अलवर हाईवे समेत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर इस समय खनिज सामग्री ढोने वाले वाहनों का आतंक छाया हुआ है। सड़को पर यमदूत बनकर दौड़ रहे इन वाहनों की वजह से आए दिन कोई न कोई दुर्घटना घटित होती रहती है। बीते दिनों भी इनके कारण दुर्घटना हुई जिसमें लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। ओवरलोड चलने को लेकर मिली शिकायतों के बाद एसडीएम डॉ चिनार चहल देर रात इस संबंध में जब कार्रवाई के लिए उतरी तो इस कार्य से जुडे माफिया भूमिगत होकर सक्रिय हो गए। लेकिन उन्होंने हाईवे पर अपनी गश्त के दौरान एक ऐसे डंपर को पकड़ा जो तय सीमा से अधिक खनिज सामग्री लेकर सड़क पर दौड़ रहा था। एसडीएम ने डंपर को पकड़कर उसका भारी भरकम चालान किया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
कोड वर्ड से चलते है ओवरलोड डंपर और ट्रैक्टर
हाईवे पर ओवरलोड वाहनों की भरमार है। दिन छिपते ही इनका आतंक सड़को पर देखा जा सकता है। इन्हें कौन चलाता है इनके पीछे कौन है। इस बात की तहकीकात की गई तो इन वाहनों पर कई ऐसे कोड वर्ड मिले जिन्हें बताकर यह आगे निकलते है । इनमें प्रमुख रूप से एसकेएल, एसआरएल और आरडब्ल्यू कोड के वाहन सड़को पर दौड़ते देखे जा सकते है । हद की बात तो ये है कि नूंह पुलिस द्वारा ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए हाईवे तथा अन्य प्रमुख मार्गो पर पुलिस नाके लगा रखे है , लेकिन बावजूद इसके इन नाकों से ओवरलोड वाहन सरपट दौड रहे है । सवाल ये है कि आखिर पुलिस इन वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती।